उप्र में अवैध रूप से भूगर्भ जल दोहन करने पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई
कानपुर,15 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम-2019 की धारा-39 के तहत बगैर पंजीकरण, अनापत्ति प्रमाण-पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने पर दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति या समूह एवं संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । भूगर्भ जल का दोहन करने वाले लोगों के खिलाफ 2 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा 6 माह से 1 वर्ष तक का कारावास अथवा दोनों दण्ड निर्धारित किये गये हैं। यह जानकारी शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद के सचिव सदस्य सुधीर कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
उन्होंने कानपुर नगर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सभी औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, और सामूहिक उपयोगकर्ताओं अधिष्ठान यथा होटलों,लाजों,आवासीय कॉलोनियों,रिजोटों,निजी चिकित्सालयों,परिचर्या गृहों,कारोबार प्रक्षेत्रों,माल्स,वाटर पार्क इत्यादि सहित मौजूदा एवं प्रस्तावित भूजल उपयोगकर्ताओं को सूचित किया है कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम-2019 की धारा-39 के अन्तर्गत बिना पंजीकरण,अनापत्ति प्रमाण-पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने हेतु दोषी पाये गये व्यक्ति,समूह,संस्था को 2 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा 06 माह से 01 वर्ष तक का कारावास अथवा दोनों दण्ड निर्धारित किये गये हैं। अतः उपरोक्त श्रेणी के उपयोक्ता भूगर्भ जल विभाग के वेब पोर्टल http://upgwdonline.in/(निवेश मित्र पोर्टल) पर आनलाइन आवेदन कर पंजीकरण,अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि यदि किसी फर्म,संस्था द्वारा उपरोक्तानुसार भूगर्भ जल निष्कर्षण हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र, पंजीकरण नहीं किया जाता है तो अवैध रूप से भूगर्भ जल निष्कर्षण किये जाने हेतु उसके विरूद्ध अधिनियम के अनुसार दंडात्मक कार्यवाही भी की जा सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/बृजनंदन
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