आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के साथ आईआईटी का सहयोग एक बड़ी सफलता: प्रो.एस.गणेश

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आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के साथ आईआईटी का सहयोग एक बड़ी सफलता: प्रो.एस.गणेश


कानपुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के साथ, अपशिष्ट प्रबंधन आज के समय की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक बनकर उभरी है। आईआईटी कानपुर में हमारे पास एक मजबूत नवाचार और इनक्यूबेशन पारिस्थितिकी तंत्र है, जो स्टार्टअप का समर्थन कर विभिन्न सामाजिक चुनौतियों के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करने में योगदान दे रहा है। यह जानकारी रविवार को आईआईटी कानपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रो.एस. गणेश ने दी।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि कचरा मुक्त शहर 2.0 कार्यक्रम के लिए स्टार्टअप गेटवे के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के साथ हमारा यह सहयोग एक बड़ी सफलता होगी। हम बड़ी संख्या में स्टार्टअप्स को अपने नए विचारों के साथ आगे आने और भाग लेने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IITK) ने कचरा मुक्त स्टार्टअप गेटवे के माध्यम से स्थिरता-केंद्रित स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के साथ साझेदारी की है। इस कचरा मुक्त शहर 2.0 कार्यक्रम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में, एसआईआईसी आईआईटीके ने नवप्रवर्तकों के अगले समूह के लिए आवेदन करने के लिए पूरे भारत से स्टार्टअप को आमंत्रित किया है।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत चयनित स्टार्टअप को 20 लाख रुपये की फंडिंग सहायता सहित, एक साल का इनक्यूबेशन प्रोग्राम, बिजनेस एक्सेलेरेशन और अतिरिक्त फंडिंग, विषय-विशिष्ट विशेषज्ञों से तकनीकी और व्यावसायिक सलाह, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे तक पहुंच जैसे महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होंगे साथ ही उन्नत अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं, और निवेशक कनेक्शन की सुविधा प्रदान की जायेगी। चयनित स्टार्टअप निगमों और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के साथ सीधे संबंध स्थापित करेंगे, जिससे वे क्षेत्र में नवीन समाधान तैनात करने में सक्षम होंगे।

एसआईआईसी प्रोफेसर-इन-चार्ज अंकुश शर्मा ने कहा “एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर वैश्विक चुनौतियों के लिए अगली पीढ़ी की तकनीकी प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने और पोषित करने में हमेशा सबसे आगे रहा है। कचरा मुक्त शहर 2.0 कार्यक्रम के लिए स्टार्टअप गेटवे के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के साथ यह सहयोग समाज और ग्रह पर सकारात्मक प्रभाव डालने की हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

यह पहल जीरो डंप, रिड्यूस, रियूज और रीसाइक्लिंग, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट पृथक्करण, अभिनव अपशिष्ट सफाई, रियल- टाइम वेस्ट मॉनिटरिंग और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए निगरानी और सामाजिक नवाचार सहित विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में व्यवसायों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करके स्वच्छ भारत मिशन में तेजी लाने के कार्यक्रम के लक्ष्य का हिस्सा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/सियाराम

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