नौसेना के साथ देश की रक्षा क्षमताओं में योगदान देने के लिए समर्पण भाव से काम करेगा आईआईटी कानपुर: प्रो.एस.गणेश
कानपुर,17 दिसम्बर(हि.स.)। भारतीय नौसेना के साथ अकादमिक और तकनीकी कौशल के माध्यम से देश की रक्षा क्षमताओं में योगदान देने के लिए समर्पण के प्रमाण के रूप में आईआईटी कानपुर के कार्य करेगा। यह बात रविवार को भारतीय नौसेना के साथ हुए समझौता के मौके पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के निदेशक प्रो. एस. गणेश ने कहा।
उन्होंने कहा कि यह सहयोग ज्ञान को आगे बढ़ाने, रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने और अकादमिक और तकनीकी कौशल के माध्यम से देश की रक्षा क्षमताओं में योगदान देने के लिए आईआईटी कानपुर के समर्पण के प्रमाण के रूप में कार्य करेगा । अपने अत्याधुनिक अनुसंधान और तकनीकी प्रगति के लिए जाने जाने वाले एक प्रमुख संस्थान के रूप में आईआईटी कानपुर भारतीय नौसेना के सामने आने वाली वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान प्राप्त करने के लिए अपनी विशेषज्ञता की मदद कर सकता है।
भारतीय नौसेना और आईआईटी कानपुर रक्षा प्रौद्योगिकियों से संबंधित इंजीनियरिंग के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान गतिविधियों के अकादमिक आदान-प्रदान में साझा रुचि रखते हैं। यह समझौता ज्ञापन एक व्यापक ढांचे के रूप में काम करेगा और दोनों पक्षों को क्षमता निर्माण बढ़ाने, क्षेत्र स्तर के मुद्दों का समाधान प्रदान करने और संकाय एवं अतिथि व्याख्यानों के आदान-प्रदान के माध्यम से प्रशिक्षण की प्रभावशीलता बढ़ाने में सक्षम करेगा। संरचित सहयोग संयुक्त अनुसंधान और विकास पहल पर केंद्रित है जिसमें उत्कृष्टता केंद्र ( मरीन इंजीनियरिंग) आईएनएस शिवाजी, लोनावला और आईआईटी कानपुर की टीमें शामिल हैं।
यह महत्वपूर्ण सहयोग नवाचार और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा जगत और सशस्त्र बलों के बीच सहयोगात्मक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का प्रतीक है।
यह जानकारी देते हुए आईआईटी कानपुर की मीडिया प्रभारी भाविशा उपाध्याय ने बताया कि रविवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटीके) और भारतीय नौसेना ने नौसेना मुख्यालय, नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो प्रौद्योगिकी विकास, नवीन समाधान और संयुक्त अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। असिस्टेंट ऑफ मटेरियल (डॉकयार्ड एंड रिफिट्स) रियर एडमिरल के श्रीनिवास और आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर एस गणेश ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/बृजनंदन
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