आईआईटी कानपुर में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों में शोध कौशल बढ़ाने काे कार्यशाला का आयोजन
कानपुर, 25 जून (हि.स.)। बीते दिनों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) में दो दिवसीय डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स के सहयोग से शैक्षणिक एवं करियर परिषद (पीजी) की ओर से अपने शोध कौशल को कैसे सुधारें विषय पर दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
यह वर्कशॉप प्रो. नरसिम्हन सुंदरराजन (सेवानिवृत्त), एनटीयू सिंगापुर द्वारा संचालित की गई, जो एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध शिक्षाविद भी हैं। उनका प्रतिष्ठित करियर इसरो, नासा-एमएस और नासा लैंगली में शोध एवं नेतृत्व भूमिकाओं से समृद्ध रहा है। प्रो. सुंदरराजन की एयरोस्पेस कंट्रोल, न्यूरल नेटवर्क्स, मशीन लर्निंग और शोध मार्गदर्शन में गहन विशेषज्ञता है। इसके साथ ही उनके 250 से अधिक शोध प्रकाशन और पांच पुस्तकें भी हैं। उन्होंने वर्कशॉप के सभी सत्रों में गहराई और स्पष्टता के साथ जानकारी दी।
वर्कशॉप के पांच सेशन में कुल नौ घंटे तक चले इस कार्यक्रम में प्रो. सुंदरराजन ने 200 से अधिक विभिन्न विभागों के स्नातकोत्तर छात्रों को शोध के क्षेत्र में सशक्त बनने के लिए आवश्यक उपकरणों और रणनीतियों के बारे में बारीकी से जानकारी दी।
इस वर्कशॉप में निम्नलिखित प्रमुख विषयों शोध की तैयारी और योजना, प्रभावी साहित्य समीक्षा (लिटरेचर रिव्यू) का संचालन, शोध पत्र लेखन एवं मौखिक प्रस्तुति देना। पीयर रिव्यू (सहकर्मी मूल्यांकन) को सकारात्मक रूप से संभालना, शोध नैतिकता की समझ और दीर्घकालिक अकादमिक योजना आदि को शामिल किया गया। पीजी शैक्षणिक एवं करियर परिषद की टीम ने इस वर्कशॉप संचालन में अहम भूमिका निभाई। वहीं आईआईटी कानपुर के छात्रों की भागीदारी ने इस आयोजन को और भी ज्यादा रुचिपूर्ण बना दिया.।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

