आईआईटी कानपुर ने लांच किया ड्रोन स्टार्टअप एक्सेलेरेशन प्रोग्राम

आईआईटी कानपुर ने लांच किया ड्रोन स्टार्टअप एक्सेलेरेशन प्रोग्राम
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आईआईटी कानपुर ने लांच किया ड्रोन स्टार्टअप एक्सेलेरेशन प्रोग्राम


- होनहार ड्रोन स्टार्टअप्स को अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाने में मिलेगी मदद

कानपुर, 08 जून (हि.स.)। आईआईटी कानपुर ने ड्रोन स्टार्टअप एक्सेलेरेशन प्रोग्राम लांच किया है। यह कार्यक्रम भारत में महत्वाकांक्षी और होनहार ड्रोन स्टार्टअप के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। इस प्रोगाम में शामिल होने के लिए 20 जून तक आवेदन लिए जाएंगे।

यह जानकारी आईआईटी के एसआईआईसी इंचार्ज प्रो.अंकुश शर्मा ने शनिवार को दी।

उन्होंने बताया कि उड़ान कार्यक्रम के तहत प्रतिवर्ष 20 स्टार्टअप का चयन किया जाएगा, जिन्हें गहन त्वरण यात्रा के लिए दो समूहों में विभाजित किया जाएगा। इन स्टार्टअप को एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेट किया जाएगा, जहां उन्हें अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं, तकनीकी सलाह, वित्तपोषण के अवसर और अमूल्य उद्योग संबंधों तक पहुंच प्राप्त होगी।

उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम स्टार्टअप्स को प्रतिस्पर्धी ड्रोन परिदृश्य में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करने के लिए डिज़ाइन की गई एक व्यापक सहायता प्रणाली प्रदान करता है। इसमें रणनीतिक उत्पाद और व्यवसाय विकास सहायता, बाजार विश्लेषण, ग्राहक लक्ष्यीकरण, गठबंधन निर्माण और विकास योजना विकास शामिल हैं। इसके अलावा ड्रोन सीओई में स्टार्टअप्स को हेलीकॉप्टर और वीटीओएल प्रयोगशाला, फ्लाइट प्रयोगशाला और राष्ट्रीय पवन सुरंग सुविधा सहित अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त होगी। उन्हें कार्यशालाओं, लघु पाठ्यक्रमों और प्रमुख यूएवी विशेषज्ञों और प्रतिष्ठित आईआईटी कानपुर फैकल्टी से मार्गदर्शन का भी लाभ मिलेगा।

आईआईटी के एसआईआईसी इंचार्ज प्रो.अंकुश शर्मा ने बताया कि यूएवी-यूएएस एक्सेलेरेशन प्रोग्राम ड्रोन क्षेत्र में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता है। स्टार्टअप्स को विश्व स्तरीय संसाधनों और मार्गदर्शन तक पहुंच प्रदान करके, हमारा लक्ष्य भारत में यूएवी उद्योग के विकास में तेजी लाना और तकनीकी प्रगति में योगदान देना है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति लाने की क्षमता है।

उन्होंने बताया कि उड़ान कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक स्टार्टअप को डीपीआईआईटी के साथ प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के रूप में पंजीकृत होना चाहिए। यूएवी,ड्रोन क्षेत्र में कार्यरत हो और उत्पाद विकास, परीक्षण, डिजाइन सत्यापन या तकनीकी परामर्श पर ध्यान केंद्रित करने वाले हों। इसके अतिरिक्त,उनका वार्षिक कारोबार तीन करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश

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