आईसीपीसी के प्रोग्रामिंग ओलंपियाड में आईआईटी कानपुर बना चैंपियन
- प्रोग्रामिंग की नौ में से छह समस्याओं को तेजी से हल करजीता पुरस्कार
कानपुर, 23 दिसम्बर (हि.स.)। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओलंपियाड-2023 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के छात्रों की टीम ‘फेसलेसमेन् 3.1’ ने विजेता बनकर संस्थान का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया है। इस ओलंपियाड में देश की 19 आईआईटी के छात्र-छात्राओं समेत कुल 100 प्रौद्योगिकी संस्थानों ने हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। दूसरा स्थान आईआईटी भुवनेश्वर के छात्रों की टीम ‘थ्री मस्केटियर्स’ ने और तीसरा स्थान आईआईटी रुड़की के छात्रों की टीम ‘बरीबरीजायमॉन’ ने हासिल किया। विजेता टीम के छात्रों को 25 हजार रुपये, उप विजेता को 15 हजार रुपये और तृतीय स्थान पाने वाले छात्रों को 10 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने सभी टीमों के विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और बताया कि सभी टीमों ने पांच घंटे के भीतर अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में तमाम तरह की चुनौतियां हैं, जिनका समाधान ढूंढना बेहद जरूरी है। विश्वविद्यालय और आईसीपीसी के सहयोग से आयोजित इस प्रतियोगिता में देश भर के ऐसे विद्यार्थियों की तलाश की जा रही है, जो प्रोग्रामिंग की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर उन्हें हल कर सकें। ऐसे विद्यार्थियों की देश-विदेश में काफी मांग है। यानी कि उनके लिए नौकरियों के अवसर भी खुले हैं। ओलंपियाड की आयोजन समिति में डॉ संदेश गुप्ता, डाॅ. दीपक वर्मा, डाॅ. आलोक कुमार, इंजी. शेषमणि तिवारी, शाह आलम, कमलकांत और शिव आधार यादव मौजूद रहे।
विजेता टीमें और उनमें शामिल विद्यार्थी
आईआईटी कानपुर – सत्यम राय, उधव वर्मा
आईआईटी भुवनेश्वर- सार्थक गुप्ता, अरिहंत गर्ग, अक्षत गुप्ता
आईआईटी रुड़की – तेजस सजवान, लक्ष्य जोशी, रुद्रांश अग्रवाल
इंटरनेशनल कॉलेजिएट प्रोग्रामिंग कांटेस्ट में हिस्सा लेंगे विजेता
ओलंपियाड के समन्वयक डाॅ. संदेश गुप्ता ने बताया कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के विद्यार्थियों को वैश्विक मंच प्रदान किया जा रहा है, जहां ये होनहार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करके अपने भविष्य को बहुमुखी आयाम दे सकते हैं। ओलंपियाड में हर संस्थान से तीन विद्यार्थियों की टीम ने प्रतिभाग किया। विजेता टीम इंटरनेशनल कॉलेजिएट प्रोग्रामिंग कांटेस्ट (आईसीपीसी) नाम से दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।
पांच घंटे में ढूंढने थे नौ सवालों के जवाब
ओलंपियाड में सभी टीमों को जो प्रश्नपत्र दिया गया, उसमें प्रोग्रामिंग की नौ प्रमुख जटिल समस्याओं को पांच घंटे के अंदर हल करना था। सुबह 10 बजे प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। इसके बाद हर टीम के विद्यार्थियों ने अपनी क्षमतानुसार समस्याओं को हल करना शुरू किया। जिसे जो उत्तर पहले आता था, उसने उस उत्तर को पहले सबमिट किया और आखिर में आईआईटी कानपुर की टीम विजेता बनी। सबमिट किए गए प्रत्येक गलत समाधान के लिए दंड भी निर्धारित किया गया था। जजों की एक टीम ने विजेता छात्रों के नामों की घोषणा की।
आईसीपीसी का परिचय
यह दुनिया की सबसे पुरानी, सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता है। इसे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का ओलिंपियाड कहा जाता है। एसीएम (एसोसिएशन फॉर कंप्यूटिंग मशीनरी) इंटरनेशनल कॉलेजिएट प्रोग्रामिंग कॉन्टेस्ट (आईसीपीसी) की जड़ें 1970 में टेक्सास USA में आयोजित एक प्रतियोगिता से जुड़ी हैं, जिसे यूपीई कंप्यूटर साइंस ऑनर सोसाइटी के अल्फा चैप्टर द्वारा आयोजित किया गया था। कंप्यूटर विज्ञान के उभरते हुए क्षेत्र में छात्रों के विकास में सहायता के लिए एक अभिनव पहल के रूप में इस विचार ने संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के भीतर तेजी से लोकप्रियता हासिल की। 1977 में एसीएम कंप्यूटर विज्ञान सम्मेलन में आयोजित पहले फाइनल के साथ प्रतियोगिता एक बहु-स्तरीय प्रतियोगिता में विकसित हुई। प्रतियोगिता नए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बनाने में रचनात्मकता, टीम वर्क और नवाचार को बढ़ावा देती है, और छात्रों को दबाव में प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता का परीक्षण करती है। 1997 से आईसीपीसी की भागीदारी में 1800% से अधिक की वृद्धि हुई है। सत्र 2023-24 में, ICPC की भागीदारी में छह महाद्वीपों के 111 देशों के लगभग 4,500 विश्वविद्यालयों के 65,000 छात्र शामिल थे।
विजेताओं ने बताया
आईसीपीसी प्रतियोगिता के विजेता आईआईटी कानपुर के सत्यम कुमार रॉय और उद्धव वर्मा (टीम फेसलेस मेन 3.1)। ने बातचीत के दौरान बताया कि वह पिछले दो सालों से इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं , उन्हें बड़ी खुशी है कि छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी को नैक में ए प्लस प्लस की ग्रेडिंग मिली है। सत्यम कुमार राय ने प्रतियोगिता के बारे में बताया कि उनके हिसाब पेपर सेट पिछले बार से कठिन आया था लेकिन इस बार उन्होंने मेहनत भी ज्यादा की थी। पिछले साल दूसरे स्थान पर आने के बाद ही उन्होंने ठान लिया था कि इस साल उन्हें प्रथम आना है और कानपुर आईआईटी का नाम रोशन करना है।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/सियाराम
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