सीएसजेएमयू में 22 दिसंबर से शुरू होगी आईसीपीसी रीजनल प्रतियोगिता,100 से अधिक टीमें करेंगी प्रतिभाग

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सीएसजेएमयू में 22 दिसंबर से शुरू होगी आईसीपीसी रीजनल प्रतियोगिता,100 से अधिक टीमें करेंगी प्रतिभाग


कानपुर, 21 दिसंबर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कल्याणपुर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल कॉलेजिएट प्रोग्रामिंग कॉन्टेस्ट (आईसीपीसी) यानि विश्व की सबसे पुरानी, सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता सोमवार को शुरू होगी। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर को लगातार आठवीं बार आईसीपीसी रीजनल प्रतियोगिता के आयोजन का गौरव प्राप्त हुआ है। यह जानकारी रविवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने दी।

कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि आईसीपीसी कानपुर साइट भारत की सबसे पुरानी साइट है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1998 में आईआईटी कानपुर से हुई थी। यह उपलब्धि कानपुर को न केवल उत्तर भारत बल्कि पूरे देश में प्रतिस्पर्धात्मक प्रोग्रामिंग के एक प्रमुख और विश्वसनीय केंद्र के रूप में स्थापित करती है। इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक एवं तकनीकी प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालय निरंतर नवाचार, तकनीकी उत्कृष्टता और छात्र-केंद्रित पहलों को प्रोत्साहित कर रहा है।

कुलपति ने बताया कि वर्ष 2025 में पूरे भारत में केवल तीन संस्थानों—छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर; आईआईटी कांचीपुरम व अमृता विश्वविद्यालय, केरल को इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के आयोजन का अवसर प्राप्त हुआ है। इस प्रतियोगिता को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का ओलिंपियाड भी कहा जाता है। इसकी जड़ें वर्ष 1970 में टेक्सास (यूएसए) में आयोजित एक प्रतियोगिता से जुड़ी हैं, जो आगे चलकर एसीएम (एसोसिएशन फॉर कंप्यूटिंग मशीनरी) में एक बहु-स्तरीय वैश्विक प्रतियोगिता के रूप में विकसित हुई।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1977 में आयोजित पहले वर्ल्ड फाइनल्स के बाद से आईसीपीसी ने रचनात्मकता, टीमवर्क, नवाचार और दबाव में उत्कृष्ट प्रदर्शन के वैश्विक मानक स्थापित किए हैं। वर्तमान में आईसीपीसी में विश्व के छह महाद्वीपों के 111 देशों के लगभग 4,500 विश्वविद्यालयों के 65,000 से अधिक छात्र भाग ले रहे हैं।

प्रतियोगिता का स्वरूप

आईसीपीसी में एक ही संस्थान/विश्वविद्यालय के अधिकतम तीन छात्रों की एक टीम भाग लेती है, जिनका मार्गदर्शन एक कोच द्वारा किया जाता है। प्रतियोगिता की अवधि पाँच घंटे की होती है, जिसमें प्रतिभागियों को 8 से 10 अत्यंत जटिल प्रोग्रामिंग समस्याओं का समाधान कंप्यूटर पर करना होता है। विजेता का निर्धारण न्यूनतम समय में, न्यूनतम प्रयासों के साथ अधिकतम समस्याओं को हल करने के आधार पर किया जाता है।

आयोजन समिति

इस अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के सफल आयोजन की ज़िम्मेदारी एक अनुभवी और समर्पित आयोजन समिति द्वारा निभाई जा रही है, जिसमें डॉ. संदेश गुप्ता, डॉ. आलोक कुमार, निदेशक, UIET, प्रो. बृष्टी मित्रा, डीन (अकादमिक्स),डॉ. दीपक के. वर्मा, विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल प्रभारी डॉ प्रवीन भाई पटेल जैसे वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं प्रशासक शामिल हैं, जिनके संयुक्त प्रयासों से आईसीपीसी कानपुर रीजनल 2025 को उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है।

वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व

इस रीजनल प्रतियोगिता से चयनित विजेता टीम वर्ष 2026 में आयोजित होने वाले आईसीपीसी वर्ल्ड फाइनल्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। यह उपलब्धि न केवल प्रतिभागी छात्रों के लिए, बल्कि संपूर्ण भारतीय शैक्षणिक एवं तकनीकी समुदाय के लिए गौरव का विषय होगी। आईसीपीसी कानपुर रीजनल नवाचार, प्रतिस्पर्धा और उत्कृष्टता का उत्सव है, जो छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर को वैश्विक प्रोग्रामिंग मानचित्र पर एक सशक्त और प्रतिष्ठित पहचान प्रदान करता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद

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