हाइड्रोजन ऊर्जा सर्वोत्तम,भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में पूर्ण रूप से सक्षम:प्रो. गणपति डी. यादव
बीएचयू महिला महाविदयालय में ऊर्जा सम्बंधित पदार्थ और उपकरणों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
वाराणसी,19 मार्च (हि.स.)। विज्ञान, प्रौद्योगिकी विभाग और रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो.गणपति डी. यादव ने मंगलवार को हाइड्रोजन ऊर्जा को सर्वोत्तम बताया। उन्होंने कहा कि यह भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में पूर्ण रूप से सक्षम है। हाइड्रोजन के उत्पादन और संरक्षण के बारे में विश्व में होने वाले अनुसंधान के बारे में भी बताया । भारत सरकार के राष्ट्रीय विज्ञान अध्यक्ष प्रो. गणपति डी. यादव काशी हिन्दू विश्वविद्यालय महिला महाविद्यालय के भौतिकी विभाग की ओर से आयोजित ऊर्जा सम्बंधित पदार्थ और उपकरणों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने हाइड्रोजन ऊर्जा के कई प्रकार के बारे में समझाया जैसे नीला हाइड्रोजन, सफेद हाइड्रोजन, ग्रीन हाइड्रोजन । बीएचयू विज्ञान संकाय के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजेंद्र कुमार सिंह ने भौतिकी विभाग की ऊर्जा उपकरणों से संबंधित गतिविधियों और सोडियम बैटरी पर नवीनतम उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी । जिन्हें डी एस टी, भारत ने अपने समाचार- विवरण में शामिल करके मान्यता दी है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में बी.एच.यू. की एक विरासत है और 1980 के दशक से इस क्षेत्र में सक्रिय अनुसंधान किया जा रहा है। संयोजक प्रो. नीलम श्रीवास्तव ने बताया कि सम्मेलन के लिए 133 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 116 ने सार प्रस्तुत किया है। सात अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं सहित 33 प्रतिष्ठित वक्ताओं ने सम्मेलन में अपनी विशेषज्ञता साझा करना स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि महिला शिक्षा संस्थान होने के नाते आयोजन समिति ने प्रतिष्ठित महिला वैज्ञानिकों से संपर्क करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि वर्तमान युग में, स्मार्टफोन, लैपटॉप, स्मार्ट घड़ियों, स्वास्थ्य गैजेट्स, सैटेलाइट्स इत्यादि के बिना हमारा जीवन मुश्किल है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति के कारण, उच्च ऊर्जा क्षमताओं वाले उपकरणों की मांग तेज गति से बढ़ रही है, इसलिए वर्तमान में उपलब्ध ऊर्जा भंडारण उपकरणों के प्रौद्योगिकी में सुधार की बहुत आवश्यकता है। वर्तमान सम्मेलन का उद्देश्य ऊर्जा उपकरणों और संबंधित सामग्रियों में नवाचार पर चर्चा करना है । ताकि मौजूदा अत्याधुनिक तकनीक के बारे में समझ को अद्यतन किया जा सके। और हम बेहतर उपकरणों के लिए योजना बना सकें। सम्मेलन की अध्यक्षता महिला महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो.रीता सिंह ने किया। डॉ. पनीर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम
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