लखनऊ में धूमधाम से मनाई गई होली, शहर से गांव तक बरसे रंग-गुलाल
लखनऊ की पारम्परिक होली में ऊंट पर सवार हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
लखनऊ, 25 मार्च (हि.स.)। रंग, गुलाल और अबीर से एक-दूसरे को सराबोर करने की होड़ और होली के गीतों की मस्ती के साथ रंगों का त्योहार होली सोमवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। क्या अमीर, क्या गरीब सभी एक ही रंग में नजर रहे थे। हर तरफ होली की धूम थी। बच्चे, बूढ़े, जवान सभी होली की मस्ती में थे। अलग-अलग जगह पर लोगों ने डीजे भी लगा रखा है और होली के गानों पर जमकर नाचते गाते हुए होली का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मना रहे हैं। सोसाइटी, मोहल्लों और सड़कों पर होली की रौनक दिखी। रंगों से सराबोर लोग दूसरों को रंगों से रंगते नजर आए। गुलाल और रंग फिजाओं में उड़ता रहा। राजधानी लखनऊ के पुराने इलाकों में पारंपरिक तरीके से होली खेली गई।
लखनऊ की होली अपने पारंपरिक तरीके से मनाई गई। शहर के चौक में गंगा-जमुनी संस्कृति के अनुसार सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर होली खेली। यहां ऊंट की सवारी भी निकली। लखनऊ की हृदयस्थली चौक में साहित्य सूर्य अमृत लाल नागर और स्व. लालजी टंडन ने होली बरात की परंपरा शुरू की थी। होली की रंगारंग बरात गंगा-जमुन तहजीब की एक ऐसी परपंरा है, जो आज तक निभाई जा रही है। इसमें विधायक, सासंद, पूर्व राज्यपालों ने भी शिरकत की है। होली बारात में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और पूर्व डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने शामिल होकर होली की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ऊंट की सवार भी की। ये बारात कोनेश्वर मंदिर से निकली और खुनखुन जी रोड चौराहा, कमला नेहरू मार्ग , विक्टोरिया स्ट्रीट, मेफेयर तिराहा होते हुए अकबरी गेट, चौक से होकर मुन्नुलाल धर्मशाला पर समाप्त हुई।
सोमवार को पूरे जिले में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। छिटपुट घटनाओं को छोड़ पूरे जिले में होली शांतिपूर्ण रहीं। जिले में होली की उमंग रविवार से ही दिखने लगा था। रविवार की शाम होलिका दहन के बाद से ही लोग होली के रंग में रंगने लगे थे। सुबह होते-होते लोग होली की मस्ती में डूब गए। बच्चों की मस्ती तो रविवार शाम से ही दिखने लगी थी। होली है होली है की गूंज हर गली, हर मुहल्ले में गूंजने लगी।
बच्चे सुबह होने का इंतजार करने लगे। सुबह 10 बजे के बाद हर कोई होलियाना मुड़ में नजर रहा था। होली आई रे कन्हाई, रंग बरसे की धुन पर लोगों का जो थिरकना शुरू हुआ वह दोपहर तक जारी रहा। सड़क पर मतवालों की टोली चल रही थी जिनका काम हर आने जाने वालों को रंगों से सराबोर करना था। गांव हो या शहर हर जगह होली की उमंग और उत्साह एक समान था। बच्चे सुबह से ही रंग, पिचकारी लेकर घर से निकल गए और अपने हम उम्र साथियों के साथ होली के आनंद में मशगूल हो गए।
युवाओं की भी अपनी अगल महफिल जमीं थी। यह नजारा मुहल्ले के हर कॉलोनी, गली और चौक चौराहे पर दिख रहा था। महिलाओं की टोली भी किसी से कम नहीं थी। घर की छत या अपार्टमेंट की छत पर महिलाओं की महफिल जमी थी। पुरूषों की तरह महिलाओं ने भी होली का आनंद उठाया। सभी एक-दूसरे को रंगने में जुटी हुई थी।
होली की बधाई देने वालों की भी कमी नहीं थी। समूह में बंट कर लोग एक-दूसरे के घर पहुंचने और गुलाल लगा कर एक-दूसरे को होली की बधाई दी। बधाई देने का क्रम देर शाम तक जारी रहा। होली को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजार किया गया था। सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल को तैनात किया गया था।
होली पर किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों व संस्थानों में 200 बेड रिजर्व किए गए हैं। इमरजेंसी में डॉक्टर व स्टॉफ की ड्यूटी तय कर जरूरी दवाओं की व्यवस्था कर दी गई है। सरकारी एंबुलेंस को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।
होली के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जमकर होली खेली। लखनऊ स्थित परिषद कार्यालय के छत पर परिषद कार्यकर्ताओं ने रंगों के साथ ही अबीर-गुलाल की जमकर होली खेली। होली के गाने पर कार्यकर्ता जमकर नाचते भी रहे। इस दौरान परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम शाही एवं प्रान्त संगठन मंत्री अंशुल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के साथ ही एक दूसरे को होली की बधाई देते रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ/राजेश
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