'कुत्ता उनका गटर में न गिरता, सीवर की जल्दी सफ़ाई न होती'

'कुत्ता उनका गटर में न गिरता, सीवर की जल्दी सफ़ाई न होती'
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'कुत्ता उनका गटर में न गिरता, सीवर की जल्दी सफ़ाई न होती'


भारतीय स्टेट बैंक पेंशनर्स एसोसिएशन द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित

लखनऊ, 31 मार्च (हि.स.)। भारतीय स्टेट बैंक पेंशनर्स एसोसिएशन लखनऊ अंचल द्वारा आज बैंक के मुख्य शाखा परिसर में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। दीप प्रज्जवलित कर कवि सम्मेलन का शुभारम्भ किया गया। मुख्य अतिथि स्टेट बैंक लखनऊ मंडल के मुख्य महाप्रबन्धक शरद एस. चांडक के साथ लखनऊ अंचल के उपमहाप्रबंधक आर. नटराजन तथा स्टेट बैंक पेंशनर्स एसोसिएशन के महामंत्री अतुल स्वरूप व मंडल अध्यक्ष दिनेश चन्द्रा एवं के.के.सिंह पूर्व महामंत्री मौजूद रहे।

प्रारम्भ में बलिया से आये गीतकार महेश चन्द्र गुप्त ‘महेश‘ ने अपनी रचना- '‘किया है तुमने मुझको तंग, पिलाकर ठंढाई में भंग। सुर्ख होने लगे मेरे गाल, ए रसिया मल दो आज गुलाल।।’’ से दर्शकों को सराबोर कर दिया। प्रसिद्ध व्यंगकार श्यामल मजूमदार ने कवि सम्मेलन का संचालन करते हुये व्यंग्य परोसा- '‘ सियासत में अंधी कमाई न होती, तो चेहरे पे उनके लुनाई ना होती। अगर कुत्ता उनका गटर में न गिरता, सीवर की जल्दी सफ़ाई न होती।। इस प्रस्तुति ने दर्शकों की तालियां बटोरी।

इनके बाद राष्ट्रीय मंचों पर सुनी जाने वाली कवयित्री शशि श्रेया की रचना- ‘‘शयन रत मन जगाना आ गया है, विजय का पथ बनाना आ गया है। हवा के रूख की अब चिंता नही है, मुझे दीपक जलाना आ गया है।।’’ को दर्शकों ने बहुत पसन्द किया। इनके अतिरिक्त बाराबंकी के हास्य कवि, संदीप अनुरागी व अन्य कवियों ने अपनी रचनायें प्रस्तुत की जिन्हें लोगों ने सराहा। अंत में अंचल अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/बृजनंदन

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