आईआईटी के कार्यालयों में हिंदी राजभाषा अधिनियम का हो पालन : निदेशक

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आईआईटी के कार्यालयों में हिंदी राजभाषा अधिनियम का हो पालन : निदेशक


- आईआईटी में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) की हुई पांचवी बैठक

कानपुर, 21 मई (हि.स.)। राजभाषा हिन्दी को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है और तकनीक के क्षेत्र में भी अधिक प्रयोग किया जाये। परिसर के सभी कार्यालयों जहां तक संभव हो हिन्दी राजभाषा अधिनियम का पालन होना चाहिए। इससे आसानी से विषय को समझा जा सकता है और अब तो विभिन्न एप के माध्यमों से अन्य भाषाओं को हिन्दी में तब्दील करना आसान हो गया है। यह बातें रविवार को कानपुर आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कही।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (टीओएलआईसी) की पांचवीं बैठक का आयोजन किया गया। आईआईटी कानपुर उस समिति का प्रमुख है, जिसमें 43 कार्यालय शामिल हैं और यह राजभाषा हिन्दी के कार्यान्वयन और प्रगति की निगरानी के लिए जिम्मेदार है।

समिति के अध्यक्ष एवं आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि आईआईटी कानपुर सभी कार्यालयों से राजभाषा अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने और आधिकारिक कामकाज हिन्दी में करने का अनुरोध करता है। समिति की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता आईआईटी कानपुर के डीन प्रशासन एवं कुलसचिव (कार्यवाहक) प्रोफेसर ब्रज भूषण ने की।

बैठक के मुख्य अतिथि उप निदेशक डॉ. छबील कुमार मेहर, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग एवं क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (उत्तर क्षेत्र-2) गाजियाबाद एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक निदेशक अजय कुमार चौधरी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय /राजेश

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