हिजाब पहनकर नुमाइश के स्टेज पर चलना जुर्म नहीं - मौलाना शहाबुद्दीन

हिजाब पहनकर नुमाइश के स्टेज पर चलना जुर्म नहीं - मौलाना शहाबुद्दीन
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हिजाब पहनकर नुमाइश के स्टेज पर चलना जुर्म नहीं - मौलाना शहाबुद्दीन


बरेली, 30 नवम्बर(हि.स.) । मुजफ्फरनगर के श्रीराम कॉलेज में छात्राओं के हिजाब पहनकर नुमाइश करने को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा हिजाब पहनकर नुमाइश के स्टेज पर चलना जुर्म नहीं है ।

मौलाना नें कहा कि हिजाब एक धार्मिक लिबास है इसलिए हिजाब को बहस का मुद्दा न बनाया जाए। जिन लड़कियों ने हिजाब पहनकर नुमाइश की है उसमें कोई मर्द शामिल नहीं था, वो सिर्फ़ महिलाओं का ही कार्यक्रम था। हिजाब पहनकर नुमाइश के स्टेज पर चलना फिरना इतना बड़ा जुर्म नहीं कि उन बच्चियों के खिलाफ कानूनी और शरई कार्रवाई की जाए। दस बारह साल की बच्चियां शरियत का ज्ञान नहीं रखती हैं और इनके माता पिता भी बहुत ज्यादा शरीयत के ज्ञानी नहीं हैं। ऐसी सूरत में इन बच्चियों के साथ इनके परिवार वालों को समझाने और शरई बात बताने की जरूरत है, न कि इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात हो।मगर आजकल हिजाब लिबास की डिजाइनिंग अलग-अलग तरह की की गई है, जिसमें हिजाब की सादगी ने खत्म होकर एक नए फैशन का रूप ले लिया है। इसलिए महिलाओं को और डिजाइन बनाने वाली कंपनियों को एहतियात से काम लेने की जरूरत है। इस्लाम ने महिलाओं को आजादी के साथ रहने-सहने, खाने-पीने और सुरक्षा प्रदान किए जाने के वसूल बताए हैं।

हिन्दुस्थान/देश दीपक गंगवार/बृजनंदन

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