बीएचयू में हृदय रोगियों को मिलेगी संजीवनी, दो करोड़ की लागत से अत्याधुनिक मशीन लगी
वाराणसी, 17 नवम्बर (हि.स.)। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा नाम बने बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी विभाग ने एक और उपलब्धि हासिल की है। विभाग में हृदय रोग के मरीजों विशेषकर एंजियोग्राफी और एनजीओ प्लास्टि के रोगियों को संजीवनी मिलेगी। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. ओमशंकर के भगीरथ प्रयास से विभाग में लगभग दो करोड़ की लागत से इंट्रा वैस्कुलर अल्ट्रासाउंड और इंट्राकार्डियल अल्ट्रासाउंड दो नई मशीन स्थापित हो गईं।
मरीजों के लिए वरदान इन मशीनों का शुक्रवार को निदेशक चिकित्सा विज्ञान संस्थान एसएन शंखवार ने विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान निदेशक डॉक्टर एस एन शंखवार ने प्रोफेसर ओमशंकर की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि इस मशीन की स्थापना से बीएचयू विश्व के गिने चुने संस्थानों में एक हो गया है। मरीजों के लिए विश्व स्तरीय उन्नत तकनीक से विकसित यह मशीनें संजीवनी बनेंगी। हृदय रोगियों के रक्त वाहिकाओं की सूक्ष्म और सटीक चिकित्सा का मार्ग भी प्रशस्त हो गया।
डॉ. ओम शंकर ने बताया कि विश्व स्तर की यह टेक्नोलॉजी उनके मुहिम तथा डॉक्टरों और मरीजों के लिए सकारात्मक परिणाम ही नहीं देंगी अपितु चिकित्सा के क्षेत्र में इंट्रा वैस्कुलर अल्ट्रासाउंड मशीन (आईवीयूएस) तथा इंट्राकार्डियल अल्ट्रासाउंड (आईसीई) पहले की मशीनों की तुलना में क्रांतिकारी साबित होगा। उन्होंने कहा कि हम इस मशीन की सटीकता से जहां बाईपास सर्जरी के आधिकारिक मरीजों का समाधान बगैर बाईपास के कर सकेंगे वहीं ,दो छल्ले पड़ने वाले रोगियों में एक ही छल्ला प्लांट कर उनका निदान कर सकेंगे। डॉ. शंकर ने इस मशीन की विशेषता बताते हुए कहा कि पहले हमें नसों के अंदर का हाल ऊपर से समझाना पड़ता था। अब यह नई मशीन नसों के अंदर की भी अल्ट्रासाउंड कर नसों के अपशिष्ट मसलन नसों में जमा कैल्शियम, कोलेस्ट्रॉल आदि की सफाई कर मरीजों को और बेहतर परिणाम देंगे। इस दौरान मेडिका सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कोलकाता के डायरेक्टर डॉ. दिलीप, अनुभाग अधिकारी हृदय रोग जीतेंद्र कुमार आदि भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर
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