बदलती दिनचर्या से स्वास्थ्य खतरे में : डॉ.शारदा द्विवेदी
-जीवन जीने की कला है योग: प्रो वंदना सिंह
जौनपुर,18 जून (हि.स.)। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परिसर में योग सप्ताह कार्यक्रम आयोजित है। मंगलवार को आर्ट ऑफ लिविंग की वरिष्ठ योग प्रशिक्षिका डॉ.शारदा द्विवेदी ने योग के महत्व को विस्तार से बताया।
डॉ. द्विवेदी ने शरीर को मन और आत्मा से जोड़ते हुए योग के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ.द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान समय में बदलती हुई दिनचर्या बिगड़ते हुए स्वास्थ्य का कारण है। उन्होंने अपने व्याख्यान में जीवन को एक उत्सव के रूप में जीने की कला को बताया।
कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय के प्रो. वी.डी. शर्मा ने कहा कि योग लोगों को आपस में जोड़ता है। योग से कार्य की कुशलता आती है। उन्होंने योग और प्रकृति के संबंध पर विस्तृत प्रकाश डाला।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि योग करने से कार्य कुशलता आती है, योग शारीरिक स्वास्थ के साथ ही साथ मानसिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाने और प्रसन्न रखने का नि:शुल्क साधन है। जीवन जीने की कला को ही योग कहा जाता है।
कुलपति ने कहा कि आने वाली पीढ़ी कैसी होगी और आने वाला भारत कैसा होगा, यह वर्तमान भारत को निर्धारित करना होगा। 21 जून को मनाया जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में सभी लोग अधिक से अधिक प्रतिभागी करें।
कार्यक्रम में प्रो.बी.बी.तिवारी, प्रो.मनोज मिश्रा,प्रो.प्रमोद यादव,प्रो.गिरधर मिश्रा, डॉ.नीतिश जायसवाल आदि लोग उपस्थित रहे। संचालन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समन्वयक एवं सेमिनार के संयोजक डॉ.मनोज कुमार पाण्डेय ने और धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ. दिव्येंदु मिश्रा ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विश्व प्रकाश/राजेश
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