सीडीआरआई में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर लगा
लखनऊ, 12 अप्रैल (हि.स.)। सीएसआईआर-सीडीआरआई (केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान) कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के साथ-साथ उनके परिवार के लिए स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य भारतीय जनता के बीच कार्डियोमेटाबोलिक बीमारियों के जोखिम तथा कारकों की पहचान करना था, जिन्हें हाल के वर्षों में भारतीय आबादी के बीच प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में पहचाना गया है।
प्लीज-चेक, पांच वर्षीय कार्यक्रम है जो वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के द्वारा शुरू किया गया है। यह पहल एक पूर्णत: समृद्ध स्वास्थ्य जांच के लिए सीएसआईआर परिवार को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। सभी सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में यह जांच शिविर पूरा होने के बाद, यह स्वास्थ्य समूह अध्ययन 10,000 से अधिक व्यक्तियों की जीवनशैली तथा आहार संबंधी आदतों के बारे में दीर्घकालिक व्यापक डेटा उत्पन्न करेगा, जो स्वास्थ्य सेवाओं के मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा।
सीएसआईआर पूरे देश में स्थित 37 प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के साथ भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारत के सबसे बड़े अनुसंधान और विकास संगठनों में से एक है। सीएसआईआर-आईजीआईबी, नई दिल्ली पीआई-चेक स्वास्थ्य जांच शिविर के लिए नोडल प्रयोगशाला है।
सीएसआईआर-सीडीआरआई में जांच शिविर का उद्घाटन संस्थान की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन द्वारा किया गया था। इसे स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों एवं स्वयंसेवकों की एक टीम ने संचालित किया था। इसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य कल्याण एवं जांच के माध्यम से स्वस्थ भारत विकसित भारत सुनिश्चित करना है।
सीडीआरआई निदेशक ने कहा कि प्लीज-चेक सिर्फ एक स्वास्थ्य जांच शिविर नहीं बल्कि यह हमारे देश के अद्वितीय स्वास्थ्य परिदृश्य को समझने की दिशा में एक अग्रणी कदम है। इसके माध्यम से विविध डेटा एकत्र करके, सीएसआईआर अनुकूलित स्वास्थ्य देखभाल समाधानों का मार्ग प्रशस्त करने तथा चिकित्सा ज्ञान की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।
सीएसआईआर-सीडीआरआई के जांच शिविर में 310 से अधिक वैज्ञानिकों, कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिवारों की भागीदारी देखी गई। स्वास्थ्य शिविर में विभिन्न जांच की गई, जिसमें रक्त परीक्षण, रक्तचाप की निगरानी, रक्त शर्करा स्तर का परीक्षण, रक्त कोलेस्ट्रॉल स्तर की निगरानी, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), ईसीजी, लिवर फाइब्रोस्कैन, फेफड़ों के लिए स्पिरोमेट्री एवं ऑसिलोमेट्री जैसे कई परीक्षण शामिल थे।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/मोहित
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