योगी सरकार से मौलाना ने की हलाल बोर्ड गठन करने की मांग
बरेली, 23 नवम्बर(हि.स.) । हलाल प्रोडक्ट को लेकर चल रहे मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी नें बयान जारी करते हुए कहा गैर शरई काम को एक कागज के टुकड़ा पकड़ कर लिख दें की ये चीज हलाल है। और दूसरा जुर्म ये की अगर सर्टिफिकेट न दिया होता तो इंसान खुद अपने तौर पर जांच पड़ताल करके हलाल व हराम होने का पता लगा लेता। ऐसे लोग और वो संस्थाएं जो सिर्फ कागज का सर्टिफिकेट देकर किसी चीज को हलाल करार देते हैं तो वो डबल मुजरिम हैं।
मौलाना ने हलाल की शरीयत में हैसियत बताते हुए कहा मांसाहारी चीजों जानवरों की जो चार रगे होती है उनमें से कम से कम तीन रगे बिस्मिल्लाह अल्लाहु अकबर कहकर कोई मुसलमान उसे जबाह करें। उसके साथ ही एक पलभर के लिए मुसलमान की नजर से ओझल न हो तो ये हलाल होगा और अगर इसके विपरित कोई कार्य होगा तो वो गैर शरई होगा। सिर्फ सेटीफीकेट देने से गैर शरई काम शरई नहीं हो सकता है, जो संस्थाएं इस तरह का खेल चला है तो वो मज़हब की आड़ में मुसलमानों को धोखा दे रही है।
कारोबार अल्लाह का नाम लेकर ही शुरू होता है ऐसा कोई कारोबार नहीं जो अल्लाह के नाम लिए बिना शुरू होता हो।मौलाना ने कहा कि हलाल टैग सिर्फ मीट पर ही लगाया जा सकता है, अगर अन्य किसी दूसरे उत्पाद पर इसे लगाया जा रहा है तो ये एक अच्छे शब्द का दुरुपयोग है।इस्लामी शरीयत में हलाल शब्द सिर्फ जानवरों के मांस के सम्बन्ध में इस्तेमाल हुआ है। इसके अलावा अन्य चीजों का इस्तेमाल जायज व नाजायज हो सकता है, पर उन पर हलाल का टैग नहीं लगाया जाना चाहिए।मौलाना ने सरकार से मांग की है कि इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक हलाल बोर्ड का गठन करें
हिन्दुस्तान/देश दीपक गंगवार/बृजनंदन
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