सजावटी मछलियों के व्यवसाय से ग्रामीण महिलाओं काे जाेड़ना है - डॉ एसपीएस खनूजा
बाराबंकी,30 जुलाई (हि.स.)। सीएसआईआर सीमैप के पूर्व निदेशक डॉ एसपीएस खनूजा ने कहा कि नवाचारी दृष्टिकोण में घर पर छोटे तालाबों में सजावटी मछलियों के पालन और व्यवसाय काे ग्रामीण महिलाओं काे सीखा कर उन्हें शहरी बाजारों से जोड़ना है। इस पहल की नींव 21 फरवरी से 23 फरवरी 2024 को आयोजित एक आउटरीच प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम के दौरान रखी गई थी।
डॉ एसपीएस खनूजा ने कहा कि इस कार्यक्रम ने महिलाओं को एक्वेरियम डिजाइनिंग,मछली पालन और संस्कृति में आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान किया। प्रशिक्षण के बाद, एक समर्पित व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से निरंतर समर्थन प्रदान किया गया। स्वयं सहायता समूह की प्रशिक्षित महिलाओं में उषा रावत और सीमा रावत वित्तीय सशक्तिकरण के रोल मॉडल के रूप में उभरीं, जिन्होंने लाभकारी सजावटी मछली संस्कृति मॉडल को अपनाया। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं द्वारा एक्वावर्ल्ड को 600 से अधिक सजावटी मछलियां बेची गईं।
कार्यक्रम की संचालक डॉ.पूनम जयंत सिंह ने बताया कि पांच गांवों रहरामऊ,बसंत नगर, गौरवा गौरी,धानकुट्टी और चंदवारा की अनुसूचित जाति समुदाय की महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया। उन्हें पालन के लिए सजावटी मछलियां दी गईं। इस परियोजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति की महिलाओं को सजावटी मछली उद्यम के माध्यम से स्थायी आय स्रोत बनाकर सशक्त बनाना है। जिससे वे माइक्रो-एक्वा-उद्यम शुरू कर सकें और बाजार संपर्क स्थापित कर सकें।
हिन्दुस्थान समाचार / पंकज कुमार चतुवेर्दी / शरद चंद्र बाजपेयी / राजेश
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