गाँवों में माताओं को प्रारम्भिक स्तर पर ही बच्चों की दिव्यांगता को पहचानना सिखाएं : राज्यपाल
लखनऊ, 08 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को राजभवन में डॉ0 शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के नैक मूल्यांकन की प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय पहली बार नैक ग्रेडिंग के लिए अपनी सेल्फ स्टडी रिपोर्ट दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। राज्यपाल ने बैठक में मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया पर विश्वविद्यालय की नैक कमेटी के सदस्यों से बिंदुवार तैयारियों की जानकारी ली।
समीक्षा के दौरान राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण को बेहतर करने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को विवरण में प्राथमिकता से दर्शाएं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक गतिविधियों का अवलोकन करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की गाँवों में गतिविधियों के दौरान उस क्षेत्र में माताओं को प्रारम्भिक स्तर पर ही दिव्यांग बच्चों की पहचान करना सिखाएं।
माताओं को बच्चे की देखने-सुनने की क्षमता पहचानना बताएं, जिससे प्रारम्भ से ही बच्चे को समुचित प्रशिक्षण दिया जा सके। राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण समीक्षा करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय देश में अपनी अन्यतम शैक्षिक व्यवस्था को प्रदान करता है, जो अपने विशेष छात्रों के साथ-साथ जनसामान्य के दिव्यांगों के जीवन में आशातीत परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है।
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए गए कृत्रिम अंग के लाभार्थियों की संख्या तथा अंग प्राप्त करने से जीवन में आए सकारात्मक बदलाव का भी विवरण एसएसआर में लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे विवरण की फोटो और लाभार्थियों का उल्लेख विवरण लगाएं।
उन्होंने विश्वविद्यालय में एल्युमिनाई सेल गठित करने, स्पेशल ऑडिट का उल्लेख जोड़ने, विविध जनोपयोगी कार्यों के लिए संस्थाओं के सीएसआर फण्ड से अनुदान प्राप्त करने, प्रदेश के बाहर के लाभार्थियों का उल्लेख एसएसआर में करने, नैक तैयारी में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता कराने का सुझाव भी दिया।
राज्यपाल ने कहा कि नैक मूल्यांकन के उच्चतम ग्रेड के लिए सशक्त तैयारी के साथ एसएसआर बनाएं तथा नैक के लिए मई के प्रथम सप्ताह तक आईआईक्यूए दाखिल करें।
हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/मोहित
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