बिहार के राज्यपाल ने राजभवन की पुष्प प्रदर्शनी का किया अवलोकन
लखनऊ, 18 फरवरी (हि.स.)। राजभवन प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय 55वीं प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी में दूसरे दिन रविवार को बिहार राज्य के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने प्रदर्शित पुष्प आकृतियों और विविध प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन भी किया। आज दिन भर प्रदर्शनी के अवलोकन हेतु भारी संख्या में दर्शनार्थी राजभवन आते रहे। दर्शनार्थियों की रुचि प्रदर्शनी के साथ-साथ राजभवन परिसर के विभिन्न उद्यानों, भवनों तथा अन्य कलात्मक निर्माणों में भी रही। दर्शनार्थियों में राजभवन के अंदर सेल्फी, परिजनों के साथ फोटो खिंचाने का गहरा आकर्षण, ललक भी दिखाई दे रही थी।
राजभवन प्रांगण में शनिवार से चल रही प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी में सजीव एवं ताजे फूलों से बनी विभिन्न आकृतियों का भी प्रदर्शन किया गया है। इस दौरान शंख, राम दरबार, गरूड़, अशोक वाटिका, जामवंत जी सहित अनेकों विभिन्न आकृतियां प्रदर्शनी के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहे।
प्रदर्शनी में पाॅलीहाउस एवं गमलों में उत्पादित विभिन्न प्रकार की सब्जियों के साथ-साथ विशिष्ट फलों, मशरूम, शहद, पान के पत्तों तथा फोटोग्राफी की प्रतियोगिता को भी शामिल किया गया है। प्रत्येक वर्ष की भाॅति इस वर्ष भी प्रदर्शनी में उच्च-कोटि के फल, शाकभाजी एवं रंग-बिरंगे पुष्पों के साथ ही साथ इनसे निर्मित प्रसंस्कृत पदार्थों से सम्बन्धित प्रदर्श, प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आये प्रतियोगियों द्वारा प्रदर्शित किये गये हैं।
प्रदर्शनी में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा नियमित रूप से तकनीकी सत्र का आयोजन भी किया गया है। प्रदर्शनी का अवलोकन करने आये कृषकों आगंतुकों को विभागीय विशेषज्ञों तथा विभिन्न कृषि विद्यालयों से आये कृषि वैज्ञानिकों ने पॉलीहाउस में सब्जी उत्पादन, शहद उत्पादन, हाइड्रोपोनिक्स, मशरूम उत्पादन, छत एवं गमलों में सब्जी उत्पादन तथा हाईटेक नर्सरी में सब्जी उत्पादन सम्बंध में जानकारी दी। साथ ही विभिन्न बागवानी फसलों के साहित्य निःशुल्क वितरित किये गए। प्रदर्शनी परिसर में नैसर्गिक सुरम्य वातावरण के साथ-साथ आगन्तुकों के लिए फूडजोन एवं निःशुल्क पेयजल की व्यवस्था की गई है। गत वर्ष की भाॅति इस वर्ष भी अगन्तुकों के मध्य राजभवन उद्यान में पंचतंत्र वाटिका, धनवंतरी वाटिका, कमलताल, चिड़िया घर व नवनिर्मित नौग्रह व नक्षत्र वाटिका विशेष आकर्षण का केन्द्र हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/दिलीप
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