कोर्स के नाम शार्ट-टर्म में न लिखकर फुल फॉर्म में ही अंकित करें : आनंदीबेन पटेल

कोर्स के नाम शार्ट-टर्म में न लिखकर फुल फॉर्म में ही अंकित करें : आनंदीबेन पटेल
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कोर्स के नाम शार्ट-टर्म में न लिखकर फुल फॉर्म में ही अंकित करें : आनंदीबेन पटेल


लखनऊ, 16 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को राजभवन में प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज के नैक के लिए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। राज्यपाल ने मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया पर बिंदुवार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा करते हुए अपेक्षित सुधार के व्यापक दिशा-निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि विवरण में कहीं भी कोर्स के नाम शार्ट-टर्म में न लिखकर फुल फार्म में ही अंकित करें। विश्वविद्यालय में विविध अवसरों पर आए विशेषज्ञों का पूर्ण विवरण और कार्यक्रम की जानकारी भी एसएसआर में लगाए गए फोटो के साथ अंकित करें।

टीचिंग, लर्निंग एण्ड इवैल्यूएशन पर प्रस्तुतिकरण देखते हुए उन्होंने कहा कि साधारण विद्यार्थियों में हुए उत्कृष्ट सुधारों तथा उत्कृष्ट विद्यार्थियों के उपलब्धि परक उल्लेखों, प्लेसमेंट आदि को भी एसएसआर में दर्शाएं। उन्होंने विविध बिंदुओं पर समग्रता से चर्चा करते हुए फोटो के साथ कैप्शन की भाषा सुधारने, गतिविधि का विस्तृत विवरण अंकित करने को कहा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड लर्निंग रिर्सोसेज के मूल्यांकन बिंदुओं की समीक्षा के दौरान पुस्तकालय में किताबों की खरीद पर होने वाले व्यय की चर्चा भी हुई। राज्यपाल ने इसके लिए जनसहभागिता से आपूर्ति कराने, जनप्रतिनिधियों के माध्यम से इस कार्य के लिए सक्षम नागरिकों, संस्थाओं को प्रेरित करने का सुझाव दिया। उन्होंने प्रस्तुतिकरण के विवरण में क्रमबद्धता लाने और उसी क्रम में फोटो लगाने को कहा, जिससे मूल्यांकन कमेटी सहजता से संदर्भ और प्रमाण अवलोकित कर सके।

क्राइटेरिया सात में बेस्ट प्रैक्टिस के विवरण की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा गांवों में किए जा रहे सामाजिक कार्यों से हुए परिवर्तन का तुलनात्मक विवरण अंकित करने को कहा। उन्होंने कहा कि कुपोषण से मुक्ति, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण, आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किट की सामग्री प्राप्त होने के बाद बच्चों की गतिविधियों और संख्या में वृद्धि, गोद लिए टीवी मरीजों से अब तक स्वस्थ हो चुके लोगों की संख्या, जागरूकता प्रसार से संस्थागत प्रसवों में बढ़ोत्तरी जैसे विविध कार्यों का उल्लेख और उनके फोटो भी एसएसआर में लगाएं।

उन्होंने टीम के सभी सदस्यों को बेहतर तैयारी करके उत्कृष्ट एसएसआर दाखिल करने और उच्चतम ग्रेड प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालयों के सिलेबस में ट्रांसजेंडर्स के लिए शिक्षा व्यवस्था करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जो कि समाज में लैंगिक विषमताओं को दूर करके एक वृहद दृष्टिकोण की स्थापना में महत्वपूर्ण है। आज की बैठक में भी विश्वविद्यालय ने ट्रांसजेंडर्स के लिए शिक्षा सम्बन्धी अपने विवरण को प्रस्तुत किया। नैक मूल्यांकन के सातों क्राइटेरिया में कोर्स सम्बन्धी यह व्यवस्था क्राइटेरिया-एक के अंतर्गत आती है।

इससे पहले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार सिंह ने प्रस्तुतिकरण से पूर्व राज्यपाल को जानकारी दी कि विश्वविद्यालय में प्रारम्भ से वर्ष 2023 तक आर्ट्स और कॉमर्स दो ही फैकल्टी रही हैं। अब विधि, कृषि और विज्ञान की फैकल्टी भी प्रारम्भ हो गई हैं। लेकिन नैक मूल्यांकन प्रारम्भ के पांच वर्षों तक रही दो फैकल्टी आर्ट्स और कॉमर्स के आधार पर ही होगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा, विश्वविद्यालय ने नैक तैयारी के लिए गठित टीम के सभी सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/राजेश

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