गोकुल छड़ीमार होली : बालकृष्ण स्वरूपों पर हुरियारिनों ने बरसाई छड़ियां
डोला के साथ गोकुलवासी मस्त मग्न रंग-गुलाल अबीर में सराबोर होकर नाचे
मथुरा, 21 मार्च (हि.स.)। बरसाना, नंदगांव, जन्मभूमि से होते हुए लठमार होली गुरुवार को गोकुल में छड़ीमार होली में परिवर्तित हो गई। यहां सबसे पहले कान्हा के बाल स्वरूप को पालकी में बैठाकर शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद सजी-धजी गोपियों ने बाल गोपाल के साथ छड़ी मार होली खेली। इस दौरान रसिया होली के गीतों के बोल बाबा नंद के द्वार मची है होली...गाकर वातावरण को भक्तिमय मना दिया। महिलाएं और युवतियां नृत्य करने पर मजबूर हो रहे थे। सेवायतों के द्वारा श्रद्धालुओं पर ठाकुरजी का प्रसादी रंग और गुलाल डाला। रंग के इस आनंद में देश और विदेश से आये श्रद्धालु सराबोर हो होली के गीतों पर झूम रहे थे।
गौरतलब हो कि ब्रज में लट्ठमार होली के अलावा कई तरह की होली का आयोजन किया जाता है। वहीं गोकुल में छड़ीमार होली का आयोजन होता है। दरअसल, भगवान कृष्ण का बचपन गोकुल में ही बीता था। मान्यता है छड़ीमार होली के दिन बाल कृष्ण के साथ गोपियां छड़ी हाथ में लेकर होली खेलती हैं, क्योंकि भगवान बालस्वरूप थे। इस भावमयी परंपरा के अनुरूप कहीं उनको चोट न लग जाए, इसलिए गोकुल में छड़ीमार होली खेली जाती है।
गुरुवार सुबह दस बजे नंद भवन नंदकिला से ठाकुर जी का डोला निकाला गया। डोला नंद भवन से बीच चौक, नंद चौक होकर मुरलीधर घाट पर पहुंचा। मंदिर सेवायत पुजारी मथुरा दास ने ठाकुर जी की आरती उतारी। गोकुल वासियों ने गली गली में डोला का फूलों की बरसात कर स्वागत किया। डोला में गोकुल वासी मस्त होकर नाचते रहे। गोकुल के लोगों ने ठाकुर जी पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। भक्त जयघोष करते हुए डोला के साथ निकले। गोकुल की ग्वालिन छड़ी लेकर डोला के साथ-साथ चल रही थी। हंसी ठिठोली करते हुए ग्वाल ग्वालिन गोकुल की गलियों से गुजरते हुए मुरलीधर घाट पर पहुंचे। जहां ठाकुर जी ने पहली बार बंशी बजाई। वहीं छड़ी मार होली खेली गई। गोकुल की ग्वालिनों ने छड़ी मार होली ग्वालों के साथ खेली। गोकुल की होली में शामिल होने देश विदेशों से श्रद्धालु गोकुल पहुंचे। श्रद्धालुओं ने “बिरज में होरी रे रसिया“, “गोकुल की गलियों में मच रहा शोर“, “होरी खेलन आयो नंदकिशोर“, “मेरे चुनरी लग गयो दाग री ऐसो चटक रंग डारो“ समेत कई गानों पर डांस किया। देर शाम ठाकुर जी की आरती उतारी गई।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/बृजनंदन
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