गौतम बुद्ध ने विश्व को दिया शान्ति का संदेश : राज्यपाल

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गौतम बुद्ध ने विश्व को दिया शान्ति का संदेश : राज्यपाल


सिद्धार्थनगर, 01 दिसम्बर (हि.स.)। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के सप्तम दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह बुद्ध की पावन धरती है। मैं इस धरती को प्रणाम करती हूं। यहां पर गौतम बुद्ध ने विश्व को शान्ति का सन्देश दिया। यह भूमि देश-विदेश के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

सप्तम दीक्षान्त समारोह के अवसर पर शुक्रवार को स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र व छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप लोग शिक्षा प्राप्त कर अपने विद्यालय का नाम रोशन करें।समाज में परिवर्तन ला सकते हैं। अपने माता-पिता से प्रेरणा लेकर समाज को आगे बढ़ाने का काम करें। माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। रात-दिन मेहनत करके माता-पिता हमें शिक्षा दिलाते हैं। हमारा दायित्व है कि हम अनन्तकाल तक उनकी सेवा करें। आज दहेज प्रथा हमारे समाज में एक अभिशाप है। दहेज के लिए बहुओं के साथ मारपीट करते हैं। हमें दहेज नहीं लेना चाहिए। अपनी बहुओं का सम्मान करना चाहिए। विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाये रखना चाहिए। आज का युवा देश का भविष्य है। भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनाना है।

मुख्य अतिथि एवं कुलपति गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रो. रमाशंकर दूबे ने कहा कि अतीत काल से ही प्रकृति के सुरम्य आँचल में, पर्वत राज हिमालय की तलहटी में घने जंगलों से आच्छादित, शाक्यगण की राजधानी बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध के बाल्यकाल और यौवन को समेटे हुए इस सिद्धार्थ नगर की पवित्र भूमि को मैं नमन करता हूँ। सत्य, अहिंसा प्रेम और आध्यात्मिक ज्ञान से विश्व को आलोकित करने वाले भगवान बुद्ध के दर्शन और उपदेश की परम्परा और विरासत को सजोये हुए है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के साथ राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय शैक्षिक क्षितिज पर अपनी अलग पहचान बनाये हुए है।

उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह एक पावन समारोह होता है। सभी उपाधिधारकों का आह्वान करता हूं कि आप अपने जीवन में सदैव स्मरण रखें कि आपने ऐसे विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की है, जिसकी स्थापना त्याग-तपस्या, हिंसा, करुणा और शांति के महान उपदेशक स्वयं भगवान बुद्ध के नाम पर हुई है। छात्र-छात्राओं आप याद रखें कि राजकुमार सिद्धार्थ गौतम ने भगवान बुद्ध बनकर अपने तपोनिष्ट जीवन के अनुभवों के आधार पर जिन आदर्शों को जीवत रखा और मानव कल्याण हेतु शिक्षा का सन्देश दिया आप भी उन आदर्शा को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे। मुझे अतिशय प्रसन्नता है।

डिग्री होल्डर, गोल्ड मेडलिस्ट, स्नातक एवं परास्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्नरातक एवं स्नातकोत्तर में कुल 46 स्वर्ण पदक एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ बलराम/राजेश

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