गरौठा विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, बुवि की नियुक्तियों में धांधली का आरोप
झांसी,06 मार्च(हि.स.)। गरौठा विधायक जवाहरलाल राजपूत ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हो रही नियुक्तियों में धांधली के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। विधायक राजपूत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अनियमिततापूर्ण नियुक्तियों पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि जिन लोगों की नियुक्ति की गई है उनके नाम पहले ही सामने आ चुके थे कि विभिन्न पदों पर इन्हें ही नियुक्त किया जाना है। उन्होंने नियुक्तियों में की गई मनमानी पर जांच कमेटी का गठन कर कार्रवाई करने की मांग की।
गरौठा विधायक जवाहर राजपूत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिए पत्र में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी में विभिन्न पदों की नियुक्ति में मनमानी की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में भी इन दिनों नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। मगर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में विभिन्न विभागों में शिक्षकों की नियुक्ति में जबरदस्त मनमानी की गई है।
विधायक जवाहर राजपूत ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि मेरे द्वारा 17 फरवरी को ही पत्र लिखकर बताया गया था कि कई विभागों में नियुक्तियां पहले से ही तय हैं और साक्षात्कार एवं लिखित परीक्षा की औपचारिकता निभाई जा रही है। 24 फरवरी को विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक ने इसकी पुष्टि कर दी है। विधायक ने कहा कि पूर्व के पत्र में मैंने बताया था कि इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डॉ. जाकिर अली और डॉ. अनुपम व्यास की नियुक्ति किया जाना तय है। इसके बाद इन दोनों की ही नियुक्ति हुई है।
इनोवेशन सेंटर विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डॉ.लवकुश द्विवेदी, फूड टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर डॉ.अंजलि श्रीवास्तव की ही नियुक्ति हुई है। जैसा कि मैंने पूर्व पत्र में उल्लेख किया था। चूंकि, कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में अभी साक्षात्कार नहीं हुआ है। विधायक ने पत्र में आशंका व्यक्त की कि एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डॉ. सादिक खान की ही नियुक्ति किए जाने की चर्चा है। इससे साफ होता है कि बुंदेलखंड युनिवर्सिटी में नियुक्ति प्रक्रिया में घोर मनमानी की गई है।
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में विधायक ने कहा कि कई शिक्षकों के एपीआई स्कोर में भी गड़बड़ी करने की सूचना मिली है, क्योंकि, नियुक्ति प्रक्रिया के मध्य में ही उक्त शिक्षकों के एपीआई स्कोर जारी करने का जब समय आया तो फॉर्मेट में बदलाव कर दिया गया। आवेदकों के नाम गायब करके उनके स्थान पर यूनिक आईडी लिखी जाने लगी। ये विश्वविद्यालय प्रशासन की नीयत और पूरी नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है। विधायक ने कहा कि विश्वविद्यालय अधिकारियों की ये मनमानी योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय पूर्ण व्यवहार करने जैसी है। ऐसे में नियुक्ति प्रक्रिया की जांच किसी बाहरी एजेंसी से करवाई जाए ताकि नियुक्तियों की वास्तविकता जाहिर हो सके।
ये भी है चर्चा
सूत्रों की मानें तो बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति होने जा रही है जो कई गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्त रही हैं। संबद्धता के मामले में जेल जा चुकी एक शिक्षिका के प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की खबरें चर्चा में है। इन सबके बीच कई विभागों में अभी तक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश
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