काशी तमिल संगमम में एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना संग मेहमानों संग उतारी गंगा आरती
- नमामि गंगे के साथ दक्षिण भारतीय आस्थावानों ने गंगा सफाई में बंटाया हाथ
वाराणसी,21 दिसम्बर (हि.स.)। काशी तमिल संगमम-2 में भाग लेने तमिलनाडु से आए श्रद्धालुओं ने गुरूवार को केदार घाट पर पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और नमामि गंगे के सदस्यों के साथ गंगा की आरती उतारकर सुख समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण की कामना की। इसके पहले काशी और तमिलनाडु के लोगों के बीच भावनात्मक और रचनात्मक संबंधों की प्रगाढ़ता के लिए मां गंगा का पूजन किया गया।
तमिलभाषी दक्षिण के मेहमानों ने नमामि गंगे के सदस्यों के साथ गंगा किनारे सफाई में भी हाथ बंटाया। गंगा तट पर इधर-उधर बिखरे कचरे और पॉलिथीन को कूड़ेदान तक पहुंचाने में भी मदद की। तमिल भाषा में लाउडस्पीकर से स्वच्छता बनाए रखने की अपील भी की। राष्ट्रध्वज तिरंगा और ॐ लिखी पताका हाथों में लेकर सभी ने गंगा की स्वच्छता का संकल्प लिया। इस दौरान 'सबका साथ हो गंगा साफ हो' का गगनभेदी उद्घोष केदार घाट पर गूंजता रहा। आरोग्य भारत की कामना से द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं गंगाष्टकम का सामूहिक रूप से पाठ किया गया।
कार्यक्रम संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पतित पावनी गंगा दक्षिण से उत्तर तक और पूर्व से पश्चिम तक भारत की सांस्कृतिक-सभ्यता को जोड़ने की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। मां गंगा की तरह काशी तमिल संगमम ऐसा अविरल प्रवाह है जो एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को लगातार मजबूत कर रहा है। यही प्रवाह है जो आज हमारे राष्ट्र की आत्मा को सींच रहा है। आयोजन में बीना गुप्ता, सीमा चौधरी, आशीष मौर्या, सरला चौबे, ध्रुव मेहता, तमिल मेहमान गोपालकृष्णन, अपूर्वा शेल्वी, लक्ष्मी तिन्नेवेलि, पार्वती नेल्लाई, विशालाक्षी सेंदुरई आदि ने भागीदारी की।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित
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