अक्षय तृतीया पर सौ साल बाद बन रहा गजकेसरी महायोग

अक्षय तृतीया पर सौ साल बाद बन रहा गजकेसरी महायोग
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अक्षय तृतीया पर सौ साल बाद बन रहा गजकेसरी महायोग


महोबा, 10 मई (हि.स.)। पावन पर्व अक्षय तृतीया का त्योहार आज शुभ योग में मनाया जाएगा। दान पुण्य का विशेष महत्व रखने वाला यह त्यौहार सौ वर्ष बाद गजकेसरी राजयोग लेकर आ रहा है। इस दिन दान पुण्य से लेकर सोना खरीदने की परंपरा है। गुरु और शुक्र अस्त होने से इस बार विवाह के लिए आज के दिन अक्षय तृतीया पर कोई योग नहीं है।

जनपद मुख्यालय अति प्राचीन मंदिर पड़ाव वाले हनुमान जी मंदिर के महंत पंडित वीरेंद्र कुमार शुक्ला बताते हैं कि इस बार अक्षय तृतीया सौ साल बाद गजकेसरी योग के साथ आ रही है जो कि बहुत शुभ है। गजकेसरी राजयोग है। जो सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक है। अक्षय तृतीया पर दान के समय जल से भरा कलश, खड़ाऊं, चावल, नमक, घी, चीनी, फल, वस्त्र ब्राह्मण को दक्षिणा का दान विशेष पुण्यकारी माना जाता है। आज के दिन अक्षय तृतीया पावन पर्व पर सुबह 10:30 से 12 बजे के बीच राहुकाल रहेगा, इसलिए इस बीच खरीदारी करने से बचें।

इस बार शुक्रवार के दिन अक्षय तृतीया का पावन पर्व है। शुक्रवार मां लक्ष्मी का दिन है। कार्य सफलता के ग्रह चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृष में भी रहेंगे और वृष राशि में चंद्रमा और बृहस्पति एक साथ होने से महा शुभ गजकेसरी योग बनेगा। इसलिए सोना-चांदी, वाहन, गृह, संपत्ति शुभ मुहूर्त के लिए यह सबसे पुनीत अवसर है।

जनपद मुख्यालय के आलमपुरा निवासी पंडित सत्यव्रत चतुर्वेदी बताते हैं कि पावन पर्व अक्षय तृतीया पर्व पर यदि आप सोना-चांदी नहीं ले सकते हैं तो पांच गांठहल्दी की, सात तरह का अनाज, कोई भी धार्मिक पुस्तक, जपमाला, भगवान के वस्त्र, मोर पंख, ठाकुर जी की बांसुरी आदि खरीद सकते हैं। इसके साथ ही फल, सब्जी, अनाज आदि का दान भी कर सकते हैं। इन सबका भी बड़ा महत्व है।

हिन्दुस्थान समाचार/ उपेंद्र/मोहित

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