क्रिकेटर से 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी, तीन के खिलाफ एफआईआर

क्रिकेटर से 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी, तीन के खिलाफ एफआईआर
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क्रिकेटर से 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी, तीन के खिलाफ एफआईआर


कानपुर, 10 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के सुपर सेलेक्टर और सुपर एजेन्ट के खिलाफ क्रिकेटर से रुपया लेकर उसके साथ धोखाधड़ी करने के मामले में एफआईआर दर्ज करवायी गयी है। सुपर एजेन्ट के खिलाफ यह पहली एफआईआर नहीं दर्ज की गयी है। यूपीसीए के महाप्रबन्धक ने भी उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवायी थी, जिसकी जांच भी अभी तक चल ही रही है। उन्नाव कोतवाली में सुपर सेलक्टर अकरम सैफी व उसके एजेन्ट अनुराग मिश्रा और उसके सगे भाई अनुभव मिश्रा के खिलाफ धारा-420,406 और 506 का मुकदमा दर्ज कर उनके खिलाफ जांच शुरु करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

गौरतलब है कि यूपीसीए में क्रिकेटरों को चयनित करवाने के लिए पूरे प्रदेश में कई एजेन्ट अपना काम बखूबी कर रहे हैं। पुलिस में दर्ज करवायी गयी एफआईआर में यह दर्शाया गया है कि कानपुर में क्रिकेट खेल रहे उदीयमान खिलाड़ी सत्य प्रकाश यादव जो कि प्रदेश की अण्डर 14, 16, 19 एवं 23 में कैंप कर चुके हैं। वह टीम में प्रवेश पाने के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे थे लेकिन चढावा न दिए जाने के चलते उनको मुख्य टीम में शामिल होने का अवसर नहीं मिल पा रहा था। इसी दौरान उनकी भेंट उन्नाव निवासी अनुराग मिश्रा से हो गयी।

अनुराग ने सत्य प्रकाश से टीम में चयन करवाने के लिए बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के निजी सहायक अकरम सैफी से सम्पर्क करवाने की बात कही। अकरम सैफी अपने आपको सुपर सेलक्टर कहता है। अनुराग मिश्रा ने क्रिकेटर को झांसे में ले लिया और सीधे अकरम सैफी से मिलवाने का काम किया। अकरम सैफी ने क्रिकेटर से कहा अनुराग जैसा कह रहा है वैसा कर लो, मैं तुम्हें खिलवा दूंगा तत्पश्चात अनुराग मिश्रा ने सत्यप्रकाश से 10 लाख रुपये मांगे तो उसने अनुराग मिश्रा को पहले-08 लाख नगद दे दिया, इसके बाद 1,50,000 रुपया अपने चाचा के एकाउन्ट से ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया। कुछ रुपया बाद में भी ऑनलाइन भेजे गया। इसके बाद भी टीम में शामिल नहीं करवाया गया। यही नहीं अनुराग ने सत्य प्रकाश से मिलना जुलना भी बन्द कर दिया। इस मामले में बात करने के लिए यूपीसीए का कोई भी अधिकारी भी सुनने को तैयार नहीं है।

सत्यप्रकाश के चाचा उपेन्द्र के मुताबिक अनुराग को नगद व ऑनलाइन पैसा ट्रान्सफर किया गया था, लेकिन वह भतीजे को धोखे में रखकर केवल पैसा कमाने में लगे हैं। इस गंभीर प्रकरण पर यूपीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि अनुराग के बारे में पहले भी शिकायत दर्ज हो चुकी है, इसकी आफिशियल जांच भी करवायी जाएगी। कोतवाली निरीक्षक प्रमोद मिश्रा ने बुधवार को मामले को लेकर हुई एफआईआर की पुष्टि किया है और जांच कर आगे की विधिक कार्रवाई करने की बात कही है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश

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