निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारी 97 दिनों से कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन

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निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारी 97 दिनों से कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन


गोरखपुर, 4 मार्च (हि.स.)। बिजली विभाग के कर्मचारी और अधिकारी पिछले 97 दिनों से निजीकरण के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह निजीकरण सिर्फ कर्मचारियों के लिए ही नहीं आम जनता पर भी अतिरिक्त भार पड़ेगा। सरकार ने आगरा और नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वर्ष 2010 से टोरंटो कंपनी को फ्रेंचाइजी दी है।

मीडिया से बात करते हुए मंगलवार काे संयोजक पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 97 दिनों से हम लोग विभिन्न तरीके से विरोध प्रदर्शन करके निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। हम अपनी दायित्व को पूरा करते हुए विरोध प्रदर्शन जारी है। हमारी सरकार से मांग है कि बिजली विभाग को निजी हाथों में ना दिया जाए।

उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सरकार ने आगरा और नोएडा में टोरेंट कंपनी को फ्रेंचाइजी दिया है । जब से कंपनी वहां काम कर रही है 2434 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और 274 करोड़ का घाटा यूपीपीसीएल को भी हो रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन 5.55 पैसे में बिजली खरीद कर टोरेंट कंपनी को 4.36 में दिया जा रहा है। बिजली का इस्तेमाल करके टोरेंट कंपनी जनता से 7.98 पैसे वसूल रही है। टोरेंट कंपनी सालाना ₹800 करोड़ कमा रही है। कुल मिला कर 1074 करोड़ का नुकसान हो रहा है यह पैसा सरकार के पास आएगा तो विकास कार्यों में खर्च भी करेगी। निजीकरण का यह खेल ऊपर लेवल पर चल रहा है और कर्मचारी और आम जनता के ऊपर बोझ डालने का काम हो रहा है।

सरकार अगर निजीकरण को वापस नहीं लेती है तो 26 जून को राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

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