प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को दक्ष बनाना : दिनेश सिंह

प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को दक्ष बनाना : दिनेश सिंह
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प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को दक्ष बनाना : दिनेश सिंह


--सन्दर्भदाता पूर्ण मनोयोग से प्रशिक्षण ग्रहण कर शिक्षकों को प्रशिक्षित करें

प्रयागराज, 13 मई (हि.स.)। जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनरों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नवीन पाठ्यपुस्तकों, कार्यपुस्तिकाओं एवं शिक्षक संदर्शिकाओं पर शिक्षकों को दक्ष बनाना है। जिससे प्रशिक्षण के दौरान जो ज्ञान अर्जित किया, उसी के आधार पर प्रशिक्षण कराने की उनकी जिम्मेदारी होगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप जो यहां से सीख के जायेंगे उसका प्रयोग जनपद स्तर पर करेंगे।

यह बातें सीमैट निदेशक दिनेश सिंह ने सोमवार को एन.सी.ई.आर.टी पाठ्यक्रम पर आधारित नवीन पाठ्यपुस्तकों, कार्यपुस्तिकाओं एवं शिक्षक संदर्शिकाओं पर जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनरों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ करते हुए कही। राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) प्रयागराज व समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में 13 से 17 मई तक आयोजित प्रशिक्षण में निदेशक ने विभिन्न जनपदों से आये डायट मेंटर व एस.आर.जी को कई टिप्स दिये।

निदेशक ने कहा कि आप सभी को प्रशिक्षण के प्रथम दिवस पाठ्य पुस्तक, कार्यपुस्तिका एवं अन्य शिक्षण अधिगम सामग्रियों के उपयोग के रणनीति निर्धारण की बारीकियों से अवगत कराया जायेगा व उत्साहवर्धक गतिवधियों को बच्चों के घर तक कैसे पहुंचे, इस पर कार्य कराया जायेगा। कार्यपुस्तिकाओं की चर्चा के समय क्या, क्यों, कैसे पर समग्र समझ बनाने का प्रयास किया जायेगा तथा पठन अभ्यास एवं प्रवाहपूर्ण पठन को समझने के लिए क्या, क्यों और कब की प्रक्रिया समझायी जायेगी।

प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस आंकलन व रिमेडियल कार्य पर समझ विकसित की जायेगी व कक्षा व कक्षीय प्रक्रियाओं में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की जायेगी तथा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के अनुरूप गणित सीखने के विभिन्न घटकों पर चर्चा परिचर्चा की जायेगी। प्रशिक्षण के तृतीय दिवस आप सभी से अकादमिक योजनाओं के निर्माण व शिक्षक संदर्शिकाओं व कार्य पुस्तिकाओं पर समझ विकसित करने का प्रयास किया जायेगा। चतुर्थ दिवस अंग्रेजी भाषा के शिक्षण पर चर्चा-परिचर्चा तथा सहयोगात्मक पर्यवेक्षण व प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर चर्चा की जायेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिवस बच्चों को निपुण बनाने हेतु रणनीतियों के निर्धारण व मेंटर की भूमिका पर चर्चा व शिक्षकों के फिडबैक देने की प्रक्रिया से रूबरू किया जायेगा।

इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक प्रभात कुमार मिश्र ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 16 जनपदों से 2 एस.आर.जी व 2 डायट मेंटर को जनपद स्तरीय सन्दर्भदाता के रूप में आमंत्रित किया गया हैं।

इस चक्र में एटा, बरेली, बदायूँ, बुलन्दशहर, कासगंज, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मैनपुरी, फिरोजाबाद, हाथरस, हापुड़, संभल, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़ एवं गाजियाबाद से जनपद स्तरीय सन्दर्भदाताओं की टीम प्रतिभाग कर रही हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/बृजनंदन

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