संस्कार केंद्रों से जोड़कर उन्हें मूलधारा में लाने का कर रहे प्रयास : डॉ राम मनोहर

--रानी रेवती देवी में पांच दिवसीय सेवा शिक्षा प्रशिक्षण वर्ग प्रारम्भ
प्रयागराज, 26 मई (हि.स.)। हम संस्कार केंद्र उपेक्षित बस्तियों में चला रहे हैं, वह उपेक्षित क्यों बने ? हमें संस्कार केंद्र की आवश्यकता क्यों पड़ी ? वह हमारे द्वारा उपेक्षित किए गए। हम उनको अपनी संस्कृति से जोड़कर मूल विचारधारा में लाने का प्रयास कर रहे हैं। हम इसलिए संस्कार केंद्र चलाते हैं हमको प्रत्येक संस्कार केंद्रों से प्रतिवर्ष 5 छात्रों को आगे बढ़ाना है।
यह बातें भारतीय शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश पूर्व काशी प्रांत के संगठन मंत्री डॉ राम मनोहर ने शुक्रवार को रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर में पांच दिवसीय ‘सेवा शिक्षा प्रशिक्षण वर्ग’ का शुभारम्भ करने के उपरान्त प्रशिक्षार्थियों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के लक्ष्य अनुसार कार्य करते हुए हम उन बस्तियों में स्वच्छता का कार्य भी करते हैं, जिससे वहां का वातावरण ठीक हो।
क्षेत्रीय सेवा प्रमुख योगेश ने कहा कि चार-पांच लोगों ने मिलकर 1952 में पक्की बाग गोरखपुर में पहला शिशु मंदिर खड़ा किया। जो आज हजारों की संख्या में पहुंच गया है। छोटा सा बीज आज वटवृक्ष बन गया है। उन्हीं विद्यालयों के माध्यम से हम जिन बस्तियों में सेवा केंद्र चलाते हैं वहां का वातावरण सुधारने का काम हमारा है। हम अपने लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं। हमारा लक्ष्य निर्धारित हैं। झुग्गी झोपड़ी, गिरीवासी, बनवासी लोगों को भी अपने साथ जोड़कर हम अपने लक्ष्य को पूरे करने में जुटे हुए हैं।
विद्यालय के मीडिया प्रभारी एवं संगीताचार्य मनोज गुप्ता ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय के संयोजन में पांच दिवसीय सेवा शिक्षा प्रशिक्षण वर्ग का शुभारम्भ हुआ। जिसमें कुल 64 प्रतिभागी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
इस अवसर पर प्रांतीय सेवा प्रमुख कमलाकर तिवारी, प्रांतीय सह सेवा प्रमुख नरसिंह, गोरक्ष अवध नेपाल बॉर्डर सेवा संयोजक राघव सहित अवधेश कुमार गुप्ता, प्रेम सागर मिश्रा, कपिल देव सिंह, प्रवीण कुमार तिवारी, सुनील कुमार गुप्ता एवं अनूप कुमार गुप्ता की उपस्थिति प्रमुख रही। संचालन दिनेश कुमार शुक्ला ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/बृजनंदन
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