फिरोजाबाद में किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा!
फिरोजाबाद, 06 मई (हि.स.)। सुहाग का प्रतीक चूड़ियों के लिए विश्व प्रसिद्ध फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर मैदान में उतरे सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन यहां मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच माना जा रहा है। वहीं बसपा भी इस मुकाबले में शामिल होने के लिए पुरजोर मेहनत कर रही है। इस सीट पर जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, यह तो 4 जून ही तय करेगी, लेकिन मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है।
सुहागनगरी के नाम से विश्वप्रसिद फिरोजाबाद लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई थी, लेकिन यह सीट वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद से सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव लड़े थे और उन्होंने जीत हासिल की थी। चूंकि उस समय अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद के साथ—साथ कन्नौज लोकसभा सीट से भी जीत हासिल की थी, ऐसे में उन्होंने फिरोजाबाद लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में नाराज जनता ने पहली बार चुनाव मैदान में उतरी सैफई परिवार की बहू डिंपल यादव को हराकर कांग्रेस उम्मीदवार सिने स्टार राज बब्बर के सिर जीत का सेहरा बांधा था।
इसके बाद वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर फिर से सपा ने वापस जीत दर्ज कराई। इस सीट से सैफई परिवार के अक्षय यादव सांसद चुने गए।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर इस सीट पर मुकाबला और ज्यादा दिलचस्प हो गया,क्योंकि इस सीट पर सैफई परिवार के दो दिग्गज आमने-सामने चुनाव मैदान में आ गए। एक तरफ प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव सपा से उम्मीदवार थे तो वहीं दूसरी तरफ उनके ही चाचा और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव उन्हें चुनावी मैदान में चुनौती दे रहे थे। ऐसे में चाचा-भतीजे की आपसी बर्चस्व की लड़ाई में भाजपा उम्मीदवार डा.चंद्रसेन जादौन ने जीत हासिल कर ली।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर जीत बरकार रखने के लिए पुन: क्षत्रिय कार्ड खेला है। भाजपा ने ठा. विश्वदीप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है तो वही सपा ने पुन: अक्षय यादव को उम्मीदवार बनाया है। इस बार चाचा शिवपाल यादव अपने भतीजे अक्षय यादव के साथ है और अक्षय की जीत के लिए वोट मांग रहे है। इसके साथ ही बसपा ने मुस्लिम कार्ड खेलते हुए पूर्व मंत्री चौधरी बशीर पर दांव लगाया है। जिससे फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर इस बार का चुनाव भी रोचक हो गया है।
कौन है भाजपा उम्मीदवार
भाजपा उम्मीदवार ठा. विश्वदीप सिंह उद्यमी के साथ शिक्षाविद है। इससे पूर्व वह वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बसपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके है। इनके पिता ब्रजराज सिंह वर्ष 1957 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद पहले सांसद चुने गए थे।
कौन है सपा उम्मीदवार
सपा उम्मीदवार अक्षय यादव सैफई परिवार से है। वह सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र है और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से इस सीट से सांसद चुने गए। वर्ष 2019 में उन्हें भाजपा उम्मीदवार डा.चंद्रसेन जादौन से हार का सामना करना पड़ा था। अब पुन: चुनाव मैदान में है।
कौन है बसपा उम्मीदवार
बसपा उम्मीदवार चौधरी बसीर आगरा के रहने वाले हैं। वह उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। वह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी फिरोजाबाद सीट से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा चुके हैं।
7 उम्मीदवार मैदान में
इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 18 लाख है। प्रमुख दलों सहित कुल 7 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। इन सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 7 मई को ईबीएम में कैद हो जाएगा और 4 जून को जीत का सेहरा बंधेगा।
वरिष्ठ पत्रकार राकेश शर्मा का कहना है कि वैसे तो इस सीट पर मुख्य मुकाबला सपा-भाजपा के बीच है, लेकिन बसपा भी इस मुकाबले में शामिल होने के लिए पुरजोर मेहनत कर रही है। फिलहाल सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं।
फिरोजाबाद लोकसभा सीट के मौजूदा स्वरूप की बात करें तो यह सीट जनपद की पांच विधानसभा सीट टूंडला, फिरोजाबाद सदर, शिकोहाबाद, जसराना, और सिरसागंज को मिलाकर बनी है। इस सीट पर लगभग 18 लाख मतदाता अपना सांसद चुनते हैं, जिनमें से 9 लाख पुरुष मतदाता है और 7 लाख मतदाता महिलाएं हैं। इस बार भी यही 18 लाख मतदाता अपना सांसद चुनेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/कौशल
/राजेश
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