लोस : सजा के डर से अफजाल अंसारी ने कराया बेटी नुसरत का नामांकन
![लोस : सजा के डर से अफजाल अंसारी ने कराया बेटी नुसरत का नामांकन](https://livevns.news/static/c1e/client/84451/downloaded/111edc2eb9ca37ddb279fcc93b092434.jpg)
![लोस : सजा के डर से अफजाल अंसारी ने कराया बेटी नुसरत का नामांकन](https://livevns.news/static/c1e/client/84451/downloaded/111edc2eb9ca37ddb279fcc93b092434.jpg)
गाजीपुर, 13 मई (हि.स.)। गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सपा उम्मीदवार के रूप में जहां बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने अपना खुद नामांकन पत्र दाखिल किया। वहीं निर्दल प्रत्याशी के रूप में अफजाल अंसारी की पुत्री नुसरत ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया। जिसको लेकर खुद अफजाल अंसारी ने कहा कि नुसरत का नामांकन वैकल्पिक प्रत्याशी के रूप में कराया गया है। हालांकि अफजाल अंसारी ने दो सेट में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
गौरतलब हो की गत वर्ष एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा गैंगस्टर एक्ट के मामले में सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई गई थी। जिसके चलते उनकी सदस्यता भी रद्द हो गई थी। इस फैसले के खिलाफ अफजाल अंसारी ने हाई कोर्ट में अपील किया, जहां उन्हें जमानत तो मिली पर सजा से राहत नहीं प्राप्त हो सकी थी। इसी केस में अफजाल अंसारी द्वारा सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाई गई जहां सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर अंतरिम रोक लगाते हुए हाई कोर्ट को स्पष्ट निर्देश दिया कि आगामी 30 जून 2024 तक सभी सुनवाई पूरी करके फैसला सुनाया जाए।
इसी क्रम में अफजाल अंसारी के इस प्रकरण में हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है। आज 13 मई को सुनवाई होनी थी। आज ही अफजाल अंसारी का नामांकन भी था। ऐसे में अफजाल अंसारी व उनके लोगों को काफी अंदेशा है कि कहीं हाई कोर्ट से पुनः सजा मिल सकती है। ऐसे में उनका चुनाव लड़ पाना संभव नहीं होगा। जिसके तहत अफजाल अंसारी ने अपनी बेटी नुसरत का भी नामांकन पत्र दाखिल कराया। हालांकि आज 13 मई को हाई कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई, जिस दौरान अफजाल अंसारी के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा।
वरिष्ठ अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमे में बहस के दौरान अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी, दयाशंकर मिश्र ने पक्ष रखा। कहाकि अफजाल अंसारी को राजनीतिक रंजिश में फंसाया गया है। अफजाल अंसारी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। कहाकि घटना के कई साल बाद गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायमूर्ति संजय कुमार ने लगभग तीन घंटै बहस सुनने के पश्चात अगली कार्रवाई के लिए 20 मई की तारीख निर्धारित की है।
गत वर्ष संसद की सदस्यता समाप्त होने व आगे भी सजा होने पर चुनाव ना लड़ सकने की संभावना के तहत अंसारी परिवार द्वारा नुसरत का नामांकन तो कराया गया। लेकिन दबी जुबान में सपा कार्यकर्ताओं द्वारा भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या जनपद में अन्य सपा नेता नहीं है। यह टिकट अफजाल अंसारी को दिया गया था ना कि उनके परिवार के लिए था। अगर वैकल्पिक व्यवस्था में पर्चा दाखिल करना था तो संगठन के निर्णय अनुसार होना चाहिए था। पूरा मामला हाई कोर्ट के फैसले पर टिका हुआ है। अब देखना है की कोर्ट का क्या फैसला आता है। हालांकि अब पूरी उम्मीद बन चुकी है कि चुनाव नुसरत को ही लड़ना पड़ सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीराम/राजेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।