पशुओं को लू लगने से बचाए किसान, पशुपालन विभाग की एडवाइजरी

पशुओं को लू लगने से बचाए किसान, पशुपालन विभाग की एडवाइजरी
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पशुओं को लू लगने से बचाए किसान, पशुपालन विभाग की एडवाइजरी


मेरठ, 14 मई (हि.स.)। भीषण गर्मी और लू से मनुष्य ही नहीं, जानवर भी परेशान है। पशुओं को लू लगने से बचाने के लिए पशुपालन विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिसमें पशुओं को लू लगने से बचाने की सलाह दी गई है।

मेरठ जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि जनपद मेरठ गंगा-यमुना दोआब में उष्ण कटिबंधीय आर्द्र पर्णपाती वनस्पतीय क्षेत्र है। जहां प्रायः मई, जून एवं जुलाई के महीने में तापमान 40 डिग्री से अधिक हो जाता है, जिससे गर्म हवाओं व लू का प्रभाव बढ जाता है। इस अवस्था में उचित प्रबन्धन से पशुओं को लू से बचाना आवश्यक है। लू के कुप्रभाव से पशु का दुग्ध उत्पादन गिर जाता है। इसके साथ ही उचित देखरेख एंव प्रबन्धन न होने से पशु के बीमारी से प्रभावित होने स मृत्यु भी हो सकती है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2024 में सामान्य से अधिक तापमान होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।

उन्होंने बताया कि हीट-स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न होने की दशा में पशु स्वास्थ्य रक्षा एवं उनके रखरखाव के सम्बन्ध में प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे पशुओं को किसी प्रकार की हानि न होने पाये। पशुओं एवं मुर्गियों को लू के प्रभाव से बचाने के लिए उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए पशुओं को छायादार, नम, ठण्डे वृक्ष युक्त वातावरण में रखना आवश्यक है। बैल, भैसा आदि भार ढोने वाले पशुओं को श्रम कार्यों के लिए प्रातः काल एव सायंकाल के समय में प्रयोग करें। उन्होंने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लोगों से अपील की है कि वह जगह-जगह पक्षियों व पशुओं के लिए स्वच्छ पेयजल, चारा, दाने की व्यवस्था करें।

हीटवेव की दशा में अपने पशुओं को सीधे गर्म हवा युक्त खुले स्थान में न रखकर छाया, शैड के अन्दर बांधे। कन्सन्ट्रेट संतुलित आहार पशुओं को दें तथा खली, दाना, चोकर की मात्रा को बढ़ा दें, साथ ही नमक एवं गुड का प्रयोग करे। पशुओं को कम से कम दिन में एक बार अवश्य नहलाये। मुर्गीशाला में शीतल जल एवं राशन पर्याप्त मात्रा में रखें। पशु को लू लगने पर यदि तेज बुखार एव अन्य लक्षण प्रदर्शित हो रहे हो तो तत्काल स्वच्छ व ठण्डा जल पिलाये तथा निकटवर्ती पशु चिकित्सालय में सम्पर्क करें।

जनपद स्तर पर हीट-स्ट्रोक से बचाव एवं जानकारी हेतु उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रवीन कुमार को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। पशु पालक प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक उनके दूरभाष संख्या 9997956177 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/मोहित

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