आम की फसल में रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग न करें किसान
लखनऊ,03 जनवरी (हि.स.)। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वनस्पति संरक्षण सलाहकार डा. जे. पी. सिंह ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि किसान आम की फसल में कीट एवं बीमारियों से बचाने के लिए रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग न करें।
यह बातें वह भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय के उप कार्यालय क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र में आम की फसल में आई.पी.एम. पर दीर्घकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि रासायनिक कीटनाशकों का अनुचित प्रयोग हर किसी के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदेह है। रासायनिक कीटनाशकों के अवशेष आम के फलों में तथा फल मक्खी कीट से प्रभावित होने की वजह से उत्तर प्रदेश से आम के निर्यात में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसलिए राज्य कृषि रक्षा विभाग एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को आई. पी. एम. पर दीर्घकालीन प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
डा.जे.पी.सिंह ने कहा कि आम उत्पादन एवं किसानों की आय दोगुनी करने में आई.पी.एम.प्रभावी विकल्प साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बगैर रसायन के उत्पादित आम के फलों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अधिक मूल्य प्राप्त होता है।
उत्तर प्रदेश सरकार के उप निदेशक (कृषि रक्षा), अनिल कुमार सागर ने कहा कि इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (आई.पी.एम.) ही एकमात्र विकल्प है जो रासायनिक कीटनाशकों के अनुचित उपयोग को कम कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के सभी जनपदों में आई.पी.एम. के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रकार के ट्रैप्स तथा जैविक कीटनाशकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग प्रयासरत एवं प्रतिबद्ध है।
इस मौके पर क्षेत्रीय आई.पी.एम.सेंटर के प्रभारी एवं संयुक्त निदेशक डॉ. ज्ञान प्रकाश सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी अमित सिंह ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/राजेश
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