काशी-विंध्य-प्रयाग के किसानों ने सीखा खेती का वैज्ञानिक गुर

काशी-विंध्य-प्रयाग के किसानों ने सीखा खेती का वैज्ञानिक गुर
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काशी-विंध्य-प्रयाग के किसानों ने सीखा खेती का वैज्ञानिक गुर


मीरजापुर, 12 दिसम्बर (हि.स.)। वैसे कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ऐसे में वर्ष 2023 श्रीअन्न (मोटे अनाज) को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इससे देश के साथ खेत की उर्वरा शक्ति मजबूत होगी ही, मावन जीवन भी स्वस्थ होगा। ऐसे में मोदी सरकार श्रीअन्न की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

विंध्याचल कंतित स्थित एक सभागार में मंगलवार को काशी-विंध्य-प्रयाग के किसानों का समागम दिखा। मौका था मंडलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी का। उद्देश्य था रबी फसल की उत्पादकता बढ़ाना। इस अवसर पर आदमचीनी चावल, ड्रैगन फ्रूट व श्रीअन्न से बने खाद्य सामाग्री के स्टाल लगाए गए थे। मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने फीता काट व दीप प्रज्जवलित कर गोष्ठी का शुभारंभ किया। गोष्ठी में 22 प्रगतिशील किसान के अलावा 500 महिला-पुरुष किसान, कृषि वैज्ञानिक व कृषि विभाग के अधिकारी भी थे। मीरजापुर के किसानों ने कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को खुद से उत्पादित किए गए आदमचीनी चावल व ड्रैगन फ्रूट देकर उनको सम्मानित किया।

कृषि में नवीन तकनीक अपनाने की सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने रबी की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक विधि से खेती करने एवं खेती में लागत कम करने तथा आय बढ़ाने के लिए किसानों को विस्तृत जानकारी दी। साथ ही कृषि में नवीन तकनीक अपनाने की सलाह दी।

रबी खेती की रणनीति और उत्पादकता बताई, उपलब्धियां भी गिनाई

प्रयागराज मंडल के आयुक्त विजय विश्वास पंत, वाराणसी मंडल के आयुक्त कौशल राज शर्मा व विंध्याचल मंडल की प्रभारी आयुक्त जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने अपने-अपने मंडल से संबंधित जनपदों की रबी खेती की रणनीति कृषि मंत्री से साझा की और फसल उत्पादकता की विस्तृत जानकारी दी। उपलब्धियां बताने के साथ समस्याओं से भी अवगत कराया।

किसानों की समस्याओं का निराकरण करेगा पोर्टल

गोष्ठी में कृषकों की ओर से उठाई गई समस्याओं के निराकरण के लिए बताया गया कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक पोर्टल का शुभारम्भ किया है, जिस पर कृषि से संबंधित विभिन्न योजनाओं व गतिविधियों की जानकारी मिलती रहेगी। किसान स्वयं अपनी समस्या और सुझावों को पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। कृषि के अतिरिक्त मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी, एफपीओ, उद्यान विभाग की भी विस्तृत जानकारी दी गई।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/आकाश

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