बुंदेलखंड में बाढ़ से हजारों हेक्टेयर की तिल और उड़द की फसलें चौपट
हमीरपुर, 18 सितम्बर (हि.स.)। हमीरपुर जिले में बाढ़ और बारिश ने इस बार किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। लगातार भारी बारिश और यमुना, बेतवा नदियों के उफनाने से तमाम गांवों में खरीफ की फसलें चौपट हो गई हैं। खासकर उड़द, तिल और मूंग की फसलें पानी-पानी हो गई हैं। दैवीय आपदा की भेंट चढ़ी खरीफ की फसलों को देख किसान मायूस हैं।
हमीरपुर समेत समूचे बुंदेलखंड क्षेत्र में लगातार बारिश होने से किसान चिंता में पड़ गया है। बारिश थमने पर रही सही कसर यमुना, बेतवा और केन समेत अन्य स्थानीय नदियों में बाढ़ आने से पूरी हो गई हैं। बेतवा नदी की उफान से बाढ़ का पानी मोराकांदर, पौथिया, बरदहा, दरियापुर, कुंडौरा, सहजना, कलौलीतीर, हेलापुर, अमिरता, चंदौली, टिकरौली, पारा औझी, बड़ा गांव समेत कई गांवों तक पहुंच गया। जिससे किसानों की खरीफ की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं।
यमुना नदी का जलस्तर लाल निशान के पार हो जाने के कारण सुरौली बुजुर्ग, बड़ा कछार, छोटा कछार, बरुआ, भौंरा, पत्योरा समेत तमाम गांवों में फसलें बर्बाद हो गई हैं। केन नदी के उफनाने से चन्द्रावल नदी का पानी मोहर, अतरैया, धुंधपुर सहित कई गांवों तक पहुंच गया। जिसके कारण तिल, उड़द, मूंग व अन्य फसलें बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गई हैं। जिले के कुरारा क्षेत्र के दोनों नदियों के किनारे बसे तमाम गांवों में भी खरीफ की फसलों को बाढ़ और बारिश से तगड़ा झटका लगा है।
बारिश से खरीफ में बोई गई उड़द, तिल और मूंग की फसलें चौपट
इस बार कई दिनों तक हुई बारिश धान के लिए संजीवनी है लेकिन तिल और उड़द की फसलों के लिए विष के समान है। रामकरन, इंद्रपाल, सुरेश कुमार, महेश कुमार, सियाराम, परशुराम, रामसवेक, गयादीन, आसाराम व देवीदीन समेत तमाम किसानों ने बताया कि तिल की फसल फल फूल रही थी लेकिन लगातार बारिश और बाढ़ का पानी भर जाने से ये फसलें चौपट हो गई हैं।
तटवर्ती दर्जनों गांवों में सैकड़ों बीघे की फसलें भी बाढ़ के पानी में हुई बर्बाद
पिछले साल की तरह इस बार भी बारिश और बाढ़ से बड़ी संख्या में किसानों की खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा है। किसान चन्द्रपाल राजपूत ने बताया कि लगातार बारिश के कारणतिल और उड़द की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। उप निदेशक कृषि हरी शंकर भार्गव ने बताया कि अबकी बार खरीफ में 46894 हेक्टेयर में तिल व 21024 हेक्टेयर में उड़द की फसल बोई गई थी। बताया कि लगातार बारिश और नदियों के पास खेतों में बोई गई ये फसलों को झटका लगा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा
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