सिद्धार्थ विहार योजना के विस्थापित किसानों का आवास विकास परिषद कार्यालय पर प्रदर्शन
गाजियाबाद, 05 मार्च (हि.स.)। आवास विकास परिषद सिद्धार्थ विहार योजना के विस्थापित सैकड़ों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार अपराह्न को वसुंधरा स्थित परिषद के कार्यालय पर प्रदर्शन किया और अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर किसानों ने आवास विकास के उच्च अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने किसानों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया है।
उन्होंने कहा कि कुछ किसानों को जहां 25प्रतिशत जमीन दे दी गई वहीं कुछ किसानों को 7 प्रतिशत जमीन दी गई है जबकि एक स्कीम में इस तरह का इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की और सभी किसानों को एक पॉलिसी के तहत तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की। अधीक्षण अभियंता राकेश चंद्रा ने किसानों को आश्वासन दिया कि वह उनकी भावनाओं से उच्च अधिकारियों को अवगत कराएंगे। सिद्धार्थ विहार किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनिल शर्मा के नेतृत्व में सैकड़ो की तादाद में किसान आवास विकास परिषद के कार्यालय पर पहुंचे और वहां पर जमकर नारेबाजी की।
इसके बाद सभी किसान अधीक्षण अभियंता राकेश चंद्र के पास पहुंचे और उन्हें एक ज्ञापन सोपा। किसानों ने ज्ञापन में अन्य प्राधिकरण की तरह हाईकोर्ट के आदेश का करते हुए विस्थापित किसानों को 10प्रतिशत विकसित भूमि देने और 64प्रतिशत मुआवजा बढ़ाने कार के मुताबिक दुकान के स्थान पर 50 मी आवासीय भूखंड देने नक्शा शुल्क माफ करने की मांग की गई है।
इस दौरान किसानों ने कहा कि जिन किसानों ने इस योजना को आगे बढ़ाने में सहयोग किया था उन्हीं के साथ अधिकारियों ने अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ दोहरा मानदंड अपनाया गया है। कुछ किसानों को 25प्रतिशत विकसित भूमि दी गई है जबकि कुछ किसानों को मात्र 7 प्रतिशत विकसित भूमि दी गई है। जो एक योजना में सबको समान व्यवहार किया जाना चाहिए।
प्रदर्शनकारी किसानों में किसान नेता सुरेंद्र नागर, रविंद्र जैन, मोहम्मद इरफान ,वसीम अहमद,महबूब चौधरी, परवेज अली, शादाब अली, मोहम्मद ग़ालिब समेत काफी संख्या में किसान उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली
/बृजनंदन
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