किसानों को निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन को अनुमति की आवश्यकता नहीं
-किसान मिट्टी खनन के लिये केवल माइन मित्रा पोर्टल पर करें अप्लाई
लखनऊ, 02 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों द्वारा अपने खेत से अपने निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने एवं अवैध वसूली पर लगाम लगाने के लिए साधारण मिट्टी की रॉयल्टी शून्य कर दी। साथ ही भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय से अनुमति लेने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया। वहीं मिट्टी खनन में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया। यह जानकारी भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की निदेशक डाॅ. रोशन जैकब ने दी।
रोशन जैकब ने कहा कि किसान द्वारा 100 घन मीटर तक मिट्टी के खनन के लिए केवल माइन मित्रा पोर्टल से अप्लाई करना होता है, जिसके बाद स्वतः रजिस्ट्रेशन के आधार पर खनन और परिवहन मान्य हो जाता है। इससे जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को भी अवगत कराया जा चुका है। गृह विभाग द्वारा भी स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि स्थानीय पुलिस एवं डायल यूपी 112 के पुलिस कर्मियों द्वारा मिट्टी अथवा बालू के किसी वैध या अवैध परिवहन की जांच स्वतः संज्ञान लेकर नहीं की जाएगी। इसमें पारदर्शिता लाने के लिए विभाग की ओर से अन्य कई निर्देश जारी किए गए।
अपर निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग विपिन कुमार जैन ने बताया कि किसान अपने निजी उपयोग के लिए स्वयं की भूमि से साधारण मिट्टी के खनन के लिए माइन मित्रा पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।पंजीकरण करने के पूर्व किसानों को नाम, पता, मोबाइल नंबर भरकर लागिन बनाना होगा। लागिन करने के उपरांत प्रपत्र प्रदर्शित होगा, जिसमें आवेदक का नाम, मोबाइल नंबर साधारण मिट्टी की मात्रा खतौनी, खनन का प्रयोजन, आवेदित खनन क्षेत्र का पूर्ण विवरण यथा जनपद, तहसील, ग्राम, गाटा नम्बर, गन्तव्य स्थान फीड करना अनिवार्य होगा। उसके पश्चात सम्बंधित किसान को पोर्टल से स्वजनित पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्राप्त होगा। पंजीकरण प्रमाण-पत्र ही परिवहन प्रपत्र के रूप में मान्य होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/दिलीप

