ओलावृष्टि : ट्रालियों में ओले भरकर सड़क पर उतरे किसान, जाम किया मार्ग
झांसी, 03 मार्च (हि. स.)। जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की खेत में खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। खेतों में गिरे ढाई सौ ग्राम तक के ओलों को ट्रालियों में भरकर सैकड़ों किसान मऊरानीपुर टीकमगढ़ मार्ग के खदियन चौराहे पर उतर आए और मार्ग को जाम कर दिया।
किसानों ने मांग की कि सरकार जल्द से जल्द किसानों के खेतों का सर्वे कराएं और उनके नुकसान की भरपाई कराई जाए। वहीं, मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी किसानों को समझाने में जुटे रहे। इसी दौरान एक किसान आत्महत्या करने के लिए पेड़ पर जा चढ़ा, जिसे किसी तरह समझा-बुझाकर नीचे उतारा गया।
उल्लेखनीय है कि दो दिनों से जिले के दर्जनों गांवों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि ने जमकर तबाही मचा रखी है। इसके चलते खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई। इसी प्राकृतिक आपदा से त्रस्त रविवार की सुबह सैकडों किसान ट्रैक्टर-ट्राली में खेतों में गिरे ओले लेकर मऊरानीपुर-टीकमगढ़ मार्ग के खदियन चौराहे पर जा पहुंचे और मार्ग को जाम कर दिया। किसानों ने मांग की कि सरकार जल्द से जल्द किसानों के खेतो का प्लॉट टू प्लॉट सर्वे कराए जाने और उनके नुकसान की उचित भरपाई करायी जाए। किसानों द्वारा सड़क जाम करने की सूचना पर पुलिस व प्रशासन में खलबली मच गई। अब झांसी में जगह-जगह किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान नेशनल हाईवे झांसी खजुराहो पर भी प्रदर्शन कर रहें है।
प्लॉट टू प्लॉट सर्वे को लेखपालों की टीम रवाना
आनन-फानन मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी गोपेश तिवारी ने बताया कि किसानों के खेतों में हुई ओलावृष्टि का प्लॉट टू प्लॉट सर्वे कराए जाने के लिए कृषि व राजस्व विभाग के लेखपालों की टीम रवाना हो गई है। किसानों की बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा दिलवाया जायेगा। हालांकि इसके बावजूद किसानों का प्रदर्शन जारी था।
इन क्षेत्रों के सैकड़ों गांवों की फसल हुई चौपट
ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो बबीना, रक्सा, मोठ, गुरसरांय, गरोठा, एरच, टकटौली,टोडी फतेहपुर,मऊरानीपुर में तेज बारिश के साथ भारी ओला वृष्टि हुई। जिससे खेत में खड़ी फसल खेत में ही बर्बाद हो गई। किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हो गया है।
बीमा कंपनियों का टोल फ्री नम्बर जा रहा बंद
किसान नेता शिवनारायण सिंह परिहार ने बताया कि पिछले दो दिनों से भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो रही है। इसके चलते ग्रामीण अंचल के सैकड़ों गांव में फसलें तबाह हो गई। किसान बर्बाद और तबाह हो गया है। बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को उचित बीमा दिया जाना चाहिए। साथ ही सरकार द्वारा उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसके लिए प्लांट टू प्लांट सर्वे भी हो। उन्होंने कहा कि जब से ओलावृष्टि हुई है बीमा कंपनियों का टोल फ्री नंबर बंद जा रहा है। यह उचित नहीं है। इन्हीं सब समस्याओं को लेकर किसान सड़क पर है।
फांसी लगाने पेड़ पर चढ़ा किसान बोला, आठ लड़की है साहब क्या खिलाए ?
मऊरानीपुर तहसील क्षेत्र में नेशनल हाईवे झांसी खजुराहों पर ग्राम अटारन के पास सैकडों की संख्या में मौजूद किसानों ने मार्ग को जाम कर दिया। इसी दौरान एक किसान पेड़ पर चढ़ गया और देखते ही देखते उसने प्रशासन और किसानों के सामने ही फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद अधिकारियों के आश्वासन के बाद उसे नीचे उतारा गया। किसान ने बताया कि ओला वृष्टि से उसकी पूरी फसल बर्बाद हो गई है। जिसके बाद उसके पास अपने परिवार के भरण पोषण का संकट मंडरा रहा है। उसने बताया की उसकी आठ बेटियां हैं। उनको क्या खिलाएगे ? जब फसल ही बर्बाद हो गई।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/दीपक/पदुम नारायण
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