लखनऊ में सामने आ रही कांग्रेस और सपा की गुटबाजी

लखनऊ में सामने आ रही कांग्रेस और सपा की गुटबाजी
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लखनऊ में सामने आ रही कांग्रेस और सपा की गुटबाजी


लखनऊ, 18 अप्रैल (हि.स.)। लखनऊ लोकसभा सीट पर आईएनडीआईए गठबंधन की कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ता जमकर गुटबाजी कर रहे हैं। चौक क्षेत्र में शाम होते चाय की दुकान पर एकत्रित हो रहे कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं में आपसी तालमेल नहीं है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उनकी पार्टी का उम्मीदवार ना होने का अफसोस भी है।

बीते वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के वक्त समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय चेहरे को उम्मीदवार बनाने की मांग की थी। इस बारे में सपा कार्यकर्ता नदीम ने बताया कि पिछले बार स्थानीय चेहरे की मांग थी तो बाहर से लाकर के पूनम सिन्हा को पार्टी ने लड़ा दिया था। तभी कांग्रेस ने प्रमोद कृष्णन को उम्मीदवार बनाया था। इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार रहे प्रमोद कृष्णन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया।

उन्होंने बताया कि चौक क्षेत्र में सपा के समर्थक ज्यादा हैं। इस बार स्थानीय चेहरे को उम्मीदवार बनाकर पार्टी ने मजबूत काम किया है। इसके बावजूद कांग्रेस के कार्यकर्ता अभी तक खुलकर प्रचार में नहीं जुटे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी और प्रियंका का इंतजार है। वहीं स्थानीय चेहरा मिलने से सपा कार्यकर्ता खुश हैं और प्रचार में जुटे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि लखनऊ में कांग्रेस की दो महानगर इकाईयां है। इसमें लखनऊ द्वितीय के अध्यक्ष शहजाद आलम हैं। शहजाद के समर्थकों की मानें तो शहर में भाजपा और कांग्रेस में ही पुराने समय से मुकाबला होता आया है। इस बार कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं है। गठबंधन के उम्मीदवार रविदास के लिए वे चुनाव प्रचार में लगे हैं, फिर भी रविदास महरोत्रा उनसे मिलने नहीं आये हैं।

उन्होंने बताया कि वे सुबह से ही हुसैनाबाद क्षेत्र में गठबंधन उम्मीदवार का प्रचार कर रहे थे। ये तो गठबंधन उम्मीदवार को करना चाहिए कि कांग्रेस के सभी नेताओं से मिलें और चुनाव में लगने के लिए कहें। ऐसे जिस कार्यकर्ता को जहां लगना है, वह वहां पर लगा हुआ है।

- लखनऊ पूर्व में कांग्रेस उम्मीदवार के बाद ऐलान

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने अपने एक बयान में कहा कि लखनऊ पूर्व में कांग्रेस उम्मीदवार के नाम के ऐलान के बाद अभी सपा के उम्मीदवार की भी घोषणा होनी बाकी है। सपा भी लखनऊ पूर्व से चुनाव लड़ेगी। गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए है, विधानसभा के उपचुनाव के लिए नहीं।

हिन्दुस्थान समाचार/ शरद/राजेश

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