अनुसूचित जाति बाहुल्य 12 हजार से अधिक यूपी के गांवों में बुनियादी सुविधाओं की सौगात

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अनुसूचित जाति बाहुल्य 12 हजार से अधिक यूपी के गांवों में बुनियादी सुविधाओं की सौगात


लखनऊ, 26 दिसंबर (हि.स.)। योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के प्रत्येक जरूरतमंद तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की दिशा में निरंतर प्रभावी प्रयास कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचे और कोई भी वर्ग मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे। इसी क्रम में राज्य सरकार अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है, जिससे सामाजिक समावेशन को मजबूती मिल सके। वर्ष 2025-26 तक 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले 12 हजार 492 ग्रामों का चयन किया गया है। चयनित ग्रामों की न्यूनतम जनसंख्या 500 निर्धारित की गई है, ताकि योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक प्रभावी रूप से पहुंच सके।

इन ग्राम पंचायतों में पेयजल एवं स्वच्छता व्यवस्था, विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालयों का निर्माण, सोलर लाइट व स्ट्रीट लाइट की स्थापना, बोरवेल, डिजिटल लाइब्रेरी, ट्रांसफॉर्मर, मोटर शेड, शवदाह गृह तथा पाइपलाइन एक्सटेंशन जैसे महत्वपूर्ण विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इन सुविधाओं के माध्यम से ग्रामीणों को बेहतर जीवन स्तर, शिक्षा और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

कार्यों में तेजी लाने के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था लागू

इस संबंध में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध निदेशक शिव प्रसाद ने बताया कि समाज कल्याण की कार्यदायी संस्था यूपीसिडकाे (UPSIDCO) के माध्यम से अब तक दो हजार 562 ग्रामों में विकास कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 910 ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष ग्रामों में कार्य तेजी से प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि योजना के टर्मिनल वर्ष को ध्यान में रखते हुए विकास कार्यों की गति बढ़ाने के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत अब ग्राम पंचायतों को ही कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। इससे एक ओर जहां प्रशासनिक प्रक्रिया सरल हुई है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर निगरानी और जवाबदेही भी सुनिश्चित हो रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन

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