भारत रत्न के वास्तविक हकदार थे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव : शंकराचार्य अधोक्षजानंद

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भारत रत्न के वास्तविक हकदार थे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव : शंकराचार्य अधोक्षजानंद


भारत रत्न के वास्तविक हकदार थे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव : शंकराचार्य अधोक्षजानंद


-सबके लिए समान भाव से देशहित में कार्य कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : जगद्गुरु

प्रयागराज, 13 फरवरी (हि.स.)। पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को मरणोपरांत भारत रत्न दिये जाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को वह सम्मान मिला, जिसके वे हकदार थे।

जगद्गुरु ने इसके लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे दलगत भावना से ऊपर उठकर प्रतिभा का सम्मान करते हैं। शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ माघ मेला के त्रिवेणी रोड स्थित शंकराचार्य शिविर में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

शंकराचार्य ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का उनकी ही पार्टी ने सम्मान नहीं किया। उनकी लगातार उपेक्षा की। जबकि अगले दस वर्षों तक यूपीए की सरकार थी। उन्होंने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव एक कुशल शासक एवं अनुभवी राजनेता के साथ 17 भाषाओं के ज्ञाता भी थे। वे 21वीं सदी के भारत के आर्थिक क्रांति के जनक थे। उनकी नीतियों का प्रतिफल देशवासियों को मिल रहा है।

जगद्गुरु देवतीर्थ ने कहा कि पीवी नरसिंम्हा राव अपने शासन काल में श्रीराम जन्म भूमि विवाद के समाधान के लिये लगातार प्रयासरत रहे। उन्होंने कई बार विद्वानों साधु-संतों, विहिप के पदाधिकारियों एवं मुस्लिम पक्ष के लोगों को एक साथ बैठाया। मंदिर निर्माण के लिये करीब 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया। उनका कार्य ही अदालती निर्णय का आधार बना। पीएमओ मंे अयोध्या सेल का गठन भी किया था। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास के भीतर रामलीला का मंचन कराया जिसमें देश विदेश से तमाम कलाकार शामिल हुए थे। यह श्रीराम के प्रति उनकी भक्ति का नतीजा था।

अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि शंकराचार्य परंपरा के प्रति पीवी नरसिंम्हा राव के हृदय में अगाध आस्था थी। उनके शासनकाल में श्रृंगेरी के शंकराचार्य प्रधानमंत्री आवास गए थे। नरसिम्हा राव ने पारंपरिक भेषभूषा में मुख्यद्वार पर नंगे पांव आकर उनका स्वागत किया था। उनका गोर्वधन मठ, पुरी से विशेष लगाव था। वे पीठ का विशेष सम्मान करते थे।

शंकराचार्य ने कहा कि यह देश और सनातन धर्म के लिये शुभ संकेत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी का सम्मान करते हैं। पक्ष एवं विपक्ष का भेद नहीं करते। मेरी और से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और ब्रम्हलीन पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव के परिवार जनों को शुभकामनाएं।

हिन्दुस्थान समाचार /पीएन द्विवेदी

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