अन्नदाता सुखी रहे, खुश रहे, इस पर सभी का ध्यान केंद्रित हो : श्रीश्री रविशंकर
मुरादाबाद, 17 सितम्बर (हि.स.)। अन्नदाता सुखी रहे, खुश रहे। इस पर सभी का ध्यान केंद्रित होना चाहिए। किसान के द्वारा उत्पादित अनाज में यदि किसान का आंसू बहे तो वह किसी काम का नहीं है। यह बातें व्हाइट हाउस बैंक्वेट हॉल में आयोजित अखिल भारतीय ग्राम प्रधान सम्मेलन को संबोधित करते हुए आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने मंगलवार काे ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए कहीं।
श्रीश्री रविशंकर ने आगे कहा कि राजसत्ता को चाहिए कि किसान सुखी रहे, इसके लिए कार्य करना चाहिए। अन्नदाता सुखी रहे, खुश रहे, इसका ध्यान रखना चाहिए। दूसरी बात यह है कि घर की महिला जो भोजन पका कर हमें खिलाती हैं, वह भी खुश होनी चाहिए। उसका भी आंसू नहीं गिरना चाहिए। व्यापारी को भी सुखी होना चाहिए। उसकी बुद्धि सही होनी चाहिए। वह मिलावट न करे।
श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि समाज के उत्थान के लिए अध्यात्म बहुत जरूरी है। नशामुक्त भारत के लिए सभी को संकल्पित होने की जरूरत है। नशा मुक्त होना समय की जरूरत है, अन्यथा यह समाज को बर्बाद कर देगा। हिंसामुक्त समाज के लिए भी सभी को मिलकर काम करना होगा।
श्रीश्री रविशंकर ने बताया कि देश में तरक्की हो रही है। आज भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। निरोग शरीर और प्रसन्न मन सभी को चाहिए। योग का प्रशिक्षण लेकर निरोग होने के लिए समय दें। गांव-गांव में योग शिक्षक हम बना रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जयसवाल
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