रामनगर कस्बे में आज भी पूरे दिन खेली जाती है होली
बाराबंकी, 23 मार्च (हि.स.)। राजा महाराजाओं की नगरी रामनगर कस्बा में आज भी परम्पराएं कायम है। यह नगरी दिन भर होली खेलने के लिए जानी जाती है। पुरानी परंपरा के अनुसार यहां सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रंग की होली खेली जाती है। जब फगुआ टोली होली की गीत गाते हुए राजा की कोठी अमर सदन पर शाम को पहुंचती है तो रंग बंद होता है। उसके बाद ही लोग एक दूसरे से होली मिलने निकलते हैं। यह परम्परा वर्षो पुरानी है, जो आज भी चली आ रही है।
रामनगर कस्बा पहले रामनगर धमेडी स्टेट था, जहां राजा महराजा राज्य करते थे। कहा जाता है कि तभी से यहां सूर्योदय से सूर्यास्त तक रंग खेलने की प्रथा चली आ रही है। किसी के पास नए कपड़े हों या न हों सभी एक समान होली के दिन कपड़ों में होली खेलते हैं। यह अमीर गरीब के बीच खाई पाटती है। अगल बगल के गांवों में दोपहर तक रंग चलता है और इसके बाद होली मिलने निकलते हैं, मगर रामनगर में शाम के बाद ही होली मिलने एक दूसरे के घर लोग जाते हैं।
यदि कोई इस बीच नए कपड़े पहन कर निकल आया तो वह बिना रंगे नहीं बचता। दोपहर में लखरौरा व धमेडी मुहल्लों से फाग निकलता है जो पूरे नगर में घर-घर फगुवा गीत गाते हुए भ्रमण करता है। फगुहारों को गुझिया खिलाई जाती है और अबीर रंग उड़ाकर उन्हें रंग से सरोबार कर दिया जाता है। बच्चे भी खूब रंग खेलते हैं। कहीं पानी में रंग घोल कर पिचकारी से रंगों की बौछार की जाती है तो कहीं डी जे की धुन पर युवा थिरकते निकलते हैं। दिन भर होली की मस्ती में धमाल होता है।
कोतवाल रत्नेश पांडेय ने बताया कि इस कस्बे में पूरा दिन रंग चलता है। पुरानी परंपरा है। ला एंड ऑर्डर की कोई दिक्कत नहीं है। मैं स्वयं कस्बे में फोर्स के साथ रहूंगा। चुनाव व त्योहारों में ला एंड ऑर्डर न बिगड़े, इसके लिए पुलिस व्यवस्था सख्त है।
हिदुस्थान समाचार/पंकज कुमार
/राजेश
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