सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में पेसमेकर घोटाले में दोषी डॉ.समीर सर्राफ गिरफ्तार
इटावा, 07 नवम्बर(हि.स.)। उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में की उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में कार्डियोलॉजी विभाग में तैनात डॉ.समीर सर्राफ को पेसमेकर घोटाले में गहन जांच में दोषी पाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लखनऊ ले जाया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि पेसमेकर घोटाले में गिरफ्तार डॉक्टर को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में पेश करने के लिए सैफई के पुलिस उपाधीक्षक नागेंद्र चौबे लखनऊ ले गए हैं। हृदयरोगियों को फर्जी पेसमेकर लगा कर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले डॉ समीर सर्राफ को पेसमेकर घोटाले में गिरफ्तार करने के पीछे सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के हृदय रोगी मरीजों को सस्ती दर के पेसमेकर लगा करके अधिक रकम की वसूली की है, जिसकी जांच शासन स्तर पर शुरू की गई थी। इसके बाद में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आदेश कुमार ने सैफई थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजी विभाग में तैनात डॉक्टर समीर सर्राफ ने करीब तीन सौ से अधिक ह्रदयरोगी मरीजों को फर्जी पेसमेकर लगाकर करोड़ों रुपये की वसूली की है। मंगलवार को समीर सर्राफ को गिरफ्तार करके लखनऊ की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में पेश करने के लिए सैफई के सीओ नागेंद्र चौबे कड़ी सुरक्षा में लेकर के गए हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि समीर सर्राफ अपने चेंबर में मरीज के तीमारदार्रो से अवैध धन उगाही किया करते थे, जिसका वीडियो वायरल हुआ था। उनपर मरीजों को महंगी दर का पेसमेकर लगाने के नाम पर सस्ती दर का पेसमेकर लगाने के आरोप है।
उल्लेखनीय है कि 8 फरवरी 2022 को तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉक्टर आदेश कुमार ने सैफई थाने में विश्वविद्यालय के कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ समीर सरार्फ व अन्य पर वित्तीय अनियमितता, पीड़ित मरीजों को वित्तीय हानि पहुंचाने और मरीजों की जान खतरे में डालने के आरोप में मामला दर्ज कराया था। जिसकी जांच क्षेत्राधिकार नागेंद्र चौबे कर रहे थे।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर डॉ राजकुमार ने 20 मार्च 2021 को विश्वविद्यालय में कार्यरत कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में कार्यरत सहायक प्रोफेसर डॉक्टर समीर सरार्फ को वित्तीय अनियमितता तथा सत्यनिष्ठा से कर्तव्यों का पालन न करने व नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाये जाने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया था। इसके अलावा उच्च स्तरीय वाह्य सदस्यों की जाॅच कमिटी गठित कर व्यापक जांच करने के निर्देश दिए थे। फिलहाल, पूरे प्रकरण की गहनता से जांच की जा रही है। पहली गिरफ्तारी डॉक्टर समीर सर्राफ की की गई है, अन्य आरोपियों की जांच के बाद निर्णय लिया जायेगा।
गौरतलब है कि सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में डॉक्टर समीर सर्राफ हृदय रोगी मरीजों के साथ फर्जी पेसमेकर लगाने का काम कर रहे थे, वह देश की इकलौती ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित मेडिकल यूनिवर्सिटी मानी जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/राजेश
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