इस बार भी चली निजी स्कूलों की मनमानी, आरटीई के 2486 बच्चों को नहीं दिया प्रवेश
मुरादाबाद, 10 सितम्बर (हि.स.)। बीते वर्ष की भांति इस साल भी शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत पात्र 2486 बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल पाया। वर्ष 2023-24 में भी 2000 से अधिक छात्र-छात्राएं प्रवेश से वंचित रह गए थे। वर्तमान शिक्षण सत्र के लिए चार बार लाटरी निकाली जा चुकी है, लेकिन, इन चार में आवंटित बच्चों के प्रवेश अभी तक नहीं हो पाए हैं। मामले में जिलाधिकारी ने प्रवेश न लेने वाले स्कूलों पर कार्रवाई के लिए फाइल अपने पास मंगवा ली हैं।
जिले में पब्लिक स्कूलों की मनमानी के चलते लाटरी में नाम में आवंटित 5,912 में से 2,486 दाखिले नहीं हुए हैं। अभी तक 3,426 प्रवेश ही हुए हैं। आरटीई के तहत बच्चों के दाखिले के लिए परिजनों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकर जिलाधिकारी के कार्यालय तक की कुंडी खटखटाई थी। जिलाधिकारी के निर्देश पर अभिभावकों की समस्या पर बीएसए कार्यालय ने अब गंभीर रुख अपना लिया है। प्रवेश न लेने वाले स्कूलों पर कार्रवाई के लिए डीएम अनुज कुमार सिंह को फाइल भेज दी गई है। शासन स्तर से भी आरटीई में प्रवेश की सूचना मांगी है।
आरटीई में प्रवेश नहीं लेने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने तक की संस्तुति बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार ने कर दी है। ऐसे स्कूल बीएसए कार्यालय की ओर से चिह्नित करके कई बार नोटिस भी दिया गया। लेकिन नोटिस को स्कूलों ने गंभीरता से नहीं लिया है। प्रथम लाटरी मार्च में निकाली गई थी और चौथी लाटरी जून में। एक दो स्कूल तो ऐसे हैं, जिन्होंने एक भी प्रवेश नहीं लिया है जबकि आरटीई के तहत 25 प्रतिशत बच्चों के प्रवेश लिए जाने का कानून बन चुका है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार ने मंगलमवार को बताया कि बार-बार नोटिस देने के बाद भी प्रवेश नहीं लेने वाले स्कूलों की मान्यता रद करने को कार्रवाई के लिए फाइल जिलाधिकारी को बढ़ा दी है। आरटीई के उल्लंघन को लेकर इन विद्यालयों पर कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जयसवाल
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