नरदेव हेल्पलाइन फार्मेसी के कर्मचारियों ने कर डाली करीब 70 लाख की दवा चोरी
मथुरा, 08 जून (हि.स.)। शहर के होलीगेट क्षेत्र स्थित एक मेडिकल दुकान से शनिवार को 60-70 लाख रुपये की दवाओं की चोरी का मामला सामने आया है। दुकान में काम करने वाले नौकर ही एक-दूसरे से मिलकर करीब एक-डेढ़ साल से चोरी की घटना को अंजाम दे रहे थे। चोरी गयी दवाओं की कीमत और अधिक बढ़कर एक करोड़ या उसके आसपास तक जा सकती है। फिलहाल पुलिस ने नामजद आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच जुटी है।
मामला आगरा रोड स्थित नरदेव हेल्पलाइन फामेर्सी का है। दुकान स्वामी माधव चतुर्वेदी ने बताया कि दुकान में काम करने वाले कर्मचारी ही एक दूसरे से मिलकर करीब एक-डेढ़ वर्ष से दुकान में रखी महंगी दवाओं की चोरी कर रहे थे। पिछले दिनों जब फामेर्सी का स्टॉक चेक किया गया तो घटना की जानकारी सामने आयी और संचालकों के पैरों तले जमीन खिसक गयी। बाजार में उधारी बढ़ने, दवाइयों के न मिलने और बैंक आदि के लेखाजोखा से मिलान किया गया तो उसमें गड़बड़ी पाई गई। जब दुकान पर काम करने वाले लड़कों से एक के बाद एक कड़ाई से पूछताछ की गयी तो पूरा मामला सामने आया और चीजें खुलती चली गयी।
दुकान स्वामी के अनुसार, फार्मेसी दुकान पर काम करने वाले राजेश गोला ने ही स्वयं 30-35 लाख रुपये की दवाओं की चोरी की घटना को स्वीकार किया है। बाकी कर्मचारियों से भी कड़ाई से पूछताछ के बाद पूरी धनराशि का पता चल सकेगा। चोरी गयी दवाओं की धनराशि 80 लाख या एक करोड़ रुपये तक जा सकती है, जो स्टॉक का मिलान करने के बाद ही पता चल सकेगी। अभी तक 60-70 लाख की दवाओं की चोरी सामने आयी है।
इस मामले में शनिवार दोपहर दुकान पर काम करने वाले राजेश गोला पुत्र चिरंजीलाल निवासी आचार्य नगर सदर बाजार, आकाश चतुर्वेदी निवासी गजा पायसा कोतवाली, गौरव सारस्वत पुत्र विष्णु सारस्वत निवासी लक्ष्मीनगर जमुनापार, सोनू सैनी पुत्र हरचरनलाल निवासी सदर बाजार और अनिल गोला पुत्र चिरंजीलाल निवासी एके मेडिकल स्टोर टाउनशिप के खिलाफ शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है।
संचालक माधव चतुर्वेदी ने बताया कि दुकान में चोरी की घटना को अंजाम देने वाला राजेश गोला नरदेव हेल्पलाइन फार्सीर्सी में करीब ढाई साल से काम कर रहा है। इससे पहले भी वह यहां संचालित एसवीसी फर्म में काम कर चुका है। करीब दस साल से वह संस्था का कर्मचारी है। उसने सभी को अपने विश्वास में लेकर चोरी की घटना को अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। सीसीटीवी कैमरों को ढककर चोरी करते थे। आगरा रोड स्थित मेडिकल फार्मेसी कर्मचारी एक-दूसरे से मिलकर इस चोरी की घटना को लंबे समय से अंजाम दे रहे थे। दुकान में सीसीटीवी कैमरे लगे हुये थे, लेकिन इसके बावजूद भी ये बेखौफ होकर चोरी करते थे। जब एक कर्मचारी दुकान से दवा चोरी करता था तो दूसरे कर्मचारी द्वारा उसे बैकअप दिया जाता था। वह कभी कैमरा बंद कर देता तो कभी कैमरा साफ करने लग जाता। कभी बटन पर हाथ मारता तो कभी कुछ जिससे चोरी करने वाला कर्मचारी सीसीटीवी कैमरे में नहीं आ पाता था। इसी प्रकार से इस घटना को अंजाम दिया जा रहा था। कैमरे पर खड़े रहने वाले लड़के को कर्मचारियों द्वारा हर बार एक हजार व पांच सौ रुपये दिया जाता था।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश
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