आपातकाल: काले कानून से डरकर अपने-अपने घरों में छुप गए थे लोग

आपातकाल: काले कानून से डरकर अपने-अपने घरों में छुप गए थे लोग
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आपातकाल: काले कानून से डरकर अपने-अपने घरों में छुप गए थे लोग


- पूर्व मंत्री ने हिन्दुस्थान समाचार से साझा किए संस्मरण

रायबरेली, 25 जून(हि. स.)। आपातकाल में 11 महीने जेल में रहे पूर्व मंत्री गिरीश नारायण पांडे ने कांग्रेस सरकार की दमनकारी नीतियों और संस्मरणों को हिन्दुस्थान समाचार से साझा किया। एक विशेष भेंट में पूर्व मंत्री ने बताया कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था। सड़कों पर चारों तरफ पुलिस ही पुलिस दिखाई पड़ती थी । काले कानून के भय से लोग अपने-अपने घरों में छुप गए थे, सरकार लोगों की पकड़ धकड़ कर नसबंदी कर रही थी। उन्होंने अपनी यादों को झकझोरते हुए कहा कि आपातकाल लागू होते ही संघ के कार्यकर्ताओं की पकड़ धकड़ शुरू हो गई थी। पुलिस के द्वारा अवैधानिक रूप से गिरफ्तार किए जाने के संस्मरण सुनाते हुए उन्होंने कहा कि उस रात रिमझिम बारिश हो रही थी। तभी रात में उनके पान दरीबा आवास का दरवाजा खटखटाया गया ,जब वह बाहर निकले तो दरोगा रामदेव खड़े थे और उन्होंने कहा कि आपको थाने पर एसडीएम ने बुलाया है।

गिरीश नारायण पांडे बताते हैं कि जब वह कुर्ता पहनकर नीचे उतरे तो चारों तरफ छिपी हुई पुलिस ने छापा मार तरीके से उनको घेर लिया और मेंन रोड पैदल ले गए जहां पुलिस के वाहन खड़े थे । दरोगा रामदेव ने उन्हें पुलिस जीप में बैठने का आग्रह किया लेकिन वह पैदल ही थाने पहुंचे । उस समय थाना आज के शिव शंभू गेस्ट हाउस के स्थान पर था। वहां पर एसडीएम बैठे थे। थाने से ही उन्हें रायबरेली कोतवाली भेज दिया गया जहां पर संघ के अन्य कार्यकर्ता जिनमें एडवोकेट रामगोपाल तिवारी जिला संघचालक रामशंकर आदि लोग भी पुलिस विरासत में थे।

उन्हें सबके साथ उन्हें जिला जेल भेज दिया गया। 11 महीने जेल की सजा काटनी पड़ी। पूर्व मंत्री गिरीश जी बताते हैं कि उन पर पुलिस ने आरोप लगाया था कि हम लोग पानदरीबा लालगंज में दरी बिछाकर और गैस बत्ती के उजाले में इंदिरा सरकार के खिलाफ विद्रोह की योजना बना रहे थे । लोगों को सरकार के खिलाफ उकसा रहे थे । साथ ही हथियार लोगों में बांट रहे थे। इंदिरा सरकार के तख्ता पलटने की योजना बनाने के भी आरोप थे। जेल में भी कांग्रेस के कार्यकर्ता हम लोगों को प्रशासन से प्रताड़ित करने में लगे रहते थे। हम वहां शाखा लगाते थे जिस पर कांग्रेसियों ने आपत्ति की थी लेकिन तत्कालीन डीएम ने आपत्ति को दरकिनार कर दिया था। जेल में शाखा लगती थी। कोर्ट के आदेश पर हम लोग जेल से छूटे थे।

पूर्व मंत्री ने कहा कि आपातकाल लागू करने वाली तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पौत्र आज भाजपा पर संविधान नष्ट करने का आरोप लगा रहे हैं उन्हें तो आपातकाल के लिए देश से क्षमा मांगनी चाहिए। संविधान नष्ट करने का काम तो कांग्रेस ने किया है। उन्होंने कहा कि जिनके पिता मुलायम सिंह यादव आपातकाल में जेल गए थे, उनके पुत्र अखिलेश यादव आज सत्ता के लिए राहुल गांधी के गले मिले हुए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश/बृजनंदन

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