प्रदेश सरकार ने डेढ़ करोड़ घरों को पावर आफ आल योजना के तहत दिया बिजली कनेक्शन
पावर फॉर ऑल योजना से प्रदेश के सभी घर हो रहे रोशन
लखनऊ, 25 नवंबर (हि.स.)। प्रदेश सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि की है। 'पावर फॉर ऑल' योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 58 लाख घरों को बिजली कनेक्शन दिया गया है। इसके साथ ही 1,21,324 मजरों का विद्युतीकरण किया गया है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने उन घरों तक बिजली पहुंचाई है, जो दशकों से अंधेरे में थे। यह पहल समाज के गरीब और पिछड़े वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई है।
प्रदेश में औद्योगिक और ग्रामीण मांगों को पूरा करने के लिए 800 मेगावाट की दो ओबरा ‘डी’ तापीय परियोजना की स्थापना से अतिरिक्त उत्पादन क्षमता जोड़ी गई। प्रदेश में 33/11 केवी सब-स्टेशन का विस्तार करते हुए 749 नए सब-स्टेशन स्थापित किए गए और 1528 सब-स्टेशन को उन्नत किया गया है और 627 सब-स्टेशन पर नग कैपेसिटर बैंक स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा बिजली वितरण को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश के 1000 हजार से अधिक आबादी वाले 19031 गांव और मजरों में खुले तार के स्थान पर 51941 किलोमीटर बिजली लाइनें बिछाई गईं हैं। इन प्रयासों से न केवल ऊर्जा आपूर्ति बढ़ी है, बल्कि उद्योगों और कृषि के लिए भी भरोसेमंद बिजली उपलब्ध हो सकी है।
ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति से लेकर सौर ऊर्जा के नए आयाम स्थापित करने तक, सरकार के प्रयास न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहे हैं, बल्कि हर घर बिजली के सपने को साकार कर रहे हैं। ऊर्जा और बिजली का क्षेत्र किसी भी राज्य की प्रगति का मूल आधार होता है। यह न केवल औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को भी सुधारता है। योगी सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करते हुए राज्य को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और जनसामान्य तक इसका लाभ पहुंचाने में कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। सरकार की यह पहल रोशन प्रदेश की परिकल्पना को साकार कर रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति को प्राथमिकता दी है। जहां पहले ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का अभाव था, अब वहां 18 घंटे तक बिजली सुनिश्चित की गई है। तहसील मुख्यालयों में 22 घंटे और जिला मुख्यालयों को 24 घंटे निर्बाध बिजली दी जा रही है। इस पहल से ग्रामीण इलाकों में कृषि, शिक्षा और छोटे उद्योगों को व्यापक बढ़ावा मिला है। यह कदम न केवल ग्रामीण जीवन को रोशन कर रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ा रहा है।
यूपी में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्रांति
योगी सरकार ने सौर ऊर्जा और अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर विशेष जोर दिया है। सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के तहत 22,000 मेगावाट बिजली उत्पादन के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। योगी सरकार झांसी, ललितपुर, कानपुर नगर, चित्रकूट और अलीगढ़ जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर सौर पार्कों की स्थापना की जा रही है। सौर ऊर्जा के जरिए 40 मेगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता प्राप्त करने के साथ ही अयोध्या शहर अब मॉडल सोलर सिटी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। साथ ही प्रदेश में 53,354 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं, जो किसानों की सिंचाई की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। योगी सरकार के इन प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को बल मिला है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के सभी बड़े शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करना कार्य प्रगति पर है।
ऊर्जा के क्षेत्र में निजी निवेश को मिल रहा बढ़ावा
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में निजी निवेश को प्रोत्साहित करते हुए योगी सरकार ने 2500 मेगावाट क्षमता की नई थर्मल और सोलर पावर परियोजनाएं शुरू की गई हैं। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत 364 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं सफलतापूर्वक क्रियान्वित की गई हैं। प्रदेश में सौभाग्य योजना में 53,354 सोलर पावर पैक संयंत्रों की स्थापना और कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट, बायो कोल, बायो डीजल /बायो एथेनॉल की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसी के तहत गोरखपुर में कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट की स्थापना। यह निवेश न केवल बिजली उत्पादन में वृद्धि कर रहा है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति दे रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय
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