अब 'प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना' का संचालन करेगा आईसीडीएस विभाग
वाराणसी, 12 जून (हि.स.)। गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का संचालन किया जा रहा है। हाल ही में राज्य शासन से प्राप्त दिशा-निर्देश के क्रम में अब महिला कल्याण एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को इस योजना के संचालन का जिम्मेदारी दी गई है। पहले पीएमएमवीवाई का संचालन चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग कर रहा था।
आईसीडीएस विभाग, उत्तर प्रदेश की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने वाराणसी समेत सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि इस योजना का लाभ पात्र महिला को पहले दो जीवित बच्चों के लिए प्रदान किया जाएगा, जिसमें दूसरी संतान बालिका होनी चाहिए। केंद्र, राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के अधीन कार्यरत नियमित रोजगार पाने वाली गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा वे महिलाएं जो किसी भी कानून के अंतर्गत समान प्रकार का लाभ प्राप्त कर रही हैं, वे इस योजना के लिए पात्रता की श्रेणी में नहीं आएंगी। योजना का उद्देश्य महिलाओं की नियमित प्रसव पूर्व एवं स्वास्थ्य जांच करना है। साथ ही संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। बीमार मां और बच्चे की सेहत में सुधार लाया जा सके।
पीएमएमवीवाई के अंतर्गत लाभार्थी महिला को पहले बच्चे के जन्म पर पांच हजार रुपये की धनराशि दो किश्तों क्रमशः 3000 रुपये और 2000 रुपये बैंक खाते में प्रदान किए जाते हैं। दूसरे बच्चे (बालिका) के जन्म पर एकमुश्त 6000 रुपये की धनराशि बैंक खाते में भेजे जाएंगे। गर्भपात व मृत जन्म की स्थिति में लाभार्थी को भविष्य में गर्भावस्था की स्थिति में नए लाभार्थी के रूप में माना जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि शासन स्तर से विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। दिशा-निर्देश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मुख्य सेविका और बाल विकास परियोजना अधिकारी को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पवन
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