डुमरियागंज लोकसभा के मतदाताओं ने कई बड़े नेताओं को सिखाया सबक

डुमरियागंज लोकसभा के मतदाताओं ने कई बड़े नेताओं को सिखाया सबक
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डुमरियागंज लोकसभा के मतदाताओं ने कई बड़े नेताओं को सिखाया सबक


सिद्धार्थनगर, 27 अप्रैल(हि.स.)। डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने कई बड़े नेताओं को चुनाव में सबक सिखाकर वापस भेज दिया है। इसमें सभी राष्ट्रीय स्तर के नेता भी रहे हैं।

डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण रहा है। यहां के मतदाताओं ने कई बड़े हस्तियों को जीताने का काम किया। साथ ही कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को नकार करके हराकर वापस भेज दिया है। वर्ष 1991 के चुनाव में कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री रहीं मोहसिना किदवई अपना किस्मत आजमाने डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने आई। लेकिन यहां के मतदाताओं ने उन्हें पराजित करके वापस भेज दिया। उसी चुनाव में देश की जानीमानी पत्रकार सीमा मुस्तफा भी चुनाव लड़ी। उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा। वे महज 49553 मत ही पा सकीं। वे कांग्रेस एस से चुनाव लड़ी थी।

वर्ष 1996 में भी किदवई पुनः चुनाव लड़ी। वे इस बार कांग्रेस तिवारी के चुनाव चिह्न पर भाग्य आजमाई। इस बार उनकी औऱ भी दुर्गति हो गयी। उन्हें महज 32062 वोट मिले। सीमा मुस्तफा भी दुबारा चुनाव लड़ी। उन्हें केवल 3987 मत प्राप्त हुआ। इसी चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अमरमणि त्रिपाठी को चुनाव लड़ाया। लेकिन वे भी सिर्फ 40892 मत ही पा सके।

वर्ष 1998 में जाने-माने पत्थर व्यवसायी केसी पाण्डेय भी डुमरियागंज से किस्मत आजमाने पहुंच गए। लेकिन उनका भी भाग्य साथ नहीं दिया। उन्हें महज 16526 मतों से संतोष करना पड़ा। यहां मतदाताओं के कई जानीमानी हस्तियों को धूल चटाने का काम किया। इस बार भाजपा ने अपने पुराने सांसद जगदम्बिकापाल पर दांव लगाया है। जबकि सपा कांग्रेस गठबंधन ने भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी तथा बसपा ने ख्वाजा शमसुद्दीन को प्रत्याशी बनाया है। यहां का चुनाव बहुत ही दिलचस्प है।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ बलराम/राजेश

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